प्रमुख प्रतिद्वंद्वी : किशन कपूर (भाजपा), पवन काजल (कांग्रेस)
कांगड़ा लोकसभा सीट से भाजपा के शांता कुमार सांसद हैं। वह इस सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा वह दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इस बार उनके चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद भाजपा ने किशन कपूर को उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि, कांग्रेस ने पवन काजल को टिकट दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या किशन कपूर के जरिये भाजपा अपना कुनबा बचा पाएगी।
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परिचय : यह हिमाचल प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है जो हिमालय की कांगड़ा घाटी में बसा है। कांगड़ा कई प्रसिद्ध मंदिरों, झीलों, पर्यटक स्थलों और ज्वालामुखी मंदिर के कारण देशभर में प्रसिद्ध है। इस शहर को प्राचीन और मध्यकाल में नगरकोट के नाम से जाना जाता था।
जनसंख्या : जनगणना 2011 के मुताबिक कांगड़ा की कुल जनसंख्या 15 लाख 7 हजार 223 है।
अर्थव्यवस्था : यह एक कृषि व्यापार का केंद्र है, यहां का हस्तशिल्प उद्योग विकास की ओर अग्रसर है। हथकरघे पर कंबल और शाल की बुनाई यहां के प्रमुख उद्योग हैं।
भौगोलिक स्थिति : प्राचीन समय में नगरकोट के नाम से पहचाना जाने वाला यह कांगड़ा शहर हिमालय की तराई के दक्षिणी सिरे पर बसा हुआ है।
16वीं लोकसभा में स्थिति : भाजपा के शांता कुमार यहां सांसद हैं। वे लोकसभा चुनाव 2014 में विजयी हुए थे। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के चंदर कुमार को पराजित किया था। शांताकुमार 1998 और 1999 में भी यहां से सांसद रह चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश के बारे में : हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की 4 सीटें हैं। पिछले चुनाव में सभी सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार विजयी हुए थे। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है। भाजपा ने कांगड़ा से शांता कुमार के स्थान पर किशन कपूर को उम्मीदवार बनाया है। शिमला में वीरेन्द्र कश्यप के स्थान पर सुरेश कश्यप मैदान में हैं। हमीरपुर से अनुराग ठाकुर और मंडी से रामस्वरूप शर्मा फिर से उम्मीदवार बनाए गए हैं। कांग्रेस ने हमीरपुर से रामलाल ठाकुर, कांगड़ा पवन काजल, मंडी आश्रय शर्मा और शिमला से कर्नल धनीराम शांडिल को उम्मीदवार बनाया है।