कम वोटिंग से खफा हैं जॉन

रविवार, 10 मई 2009 (11:12 IST)
चंद्रकांत शिंद

वोटिंग करने के लिए मतदाताओं को जाग्रत करने की इतनी सारी मुहिम चलाने के बावजूद लोग वोटिंग के लिए घर से नहीं निकले, यह हमारे लिए बहुत ही शर्म की बात है और अब वे सरकार के खिलाफ शिकायत भी नहीं कर सकते। यह कहना है देशभर में उँगली उठा, वोट कर मुहिम चलाने वाले जॉन अब्राहम का।

वोटिंग के दो महीने पहले से जॉन ने यूटीवी बिंदास के साथ मिलकर देशभर में मतदाताओं को जाग्रत करने और वोटिंग के लिए प्रेरित करने के लिए मुहिम चलाई थी।

जॉन ने उस वक्त बताया था कि इस मुहिम से युवाओं में वोटिंग के प्रति रुझान बढ़ेगा और इस वर्ष पिछले समय से ज्यादा वोटिंग हो जाएगी, लेकिन मुंबई में पिछले समय के मुकाबले बेहद ही कम वोटिंग हुई।

इस असफलता के बारे में जॉन से बात करने पर उन्होंने कहा - यह बहुत ही शर्म की बात है। मुंबई के छः लोकसभा क्षेत्रों में पिछली बार 50 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी और इस बार यह प्रतिशत और बढ़ने की हम उम्मीद कर रहे थे, लेकिन मुंबई, खासकर दक्षिण मुंबई के लोग वोटिंग के लिए घर से बाहर आए ही नहीं। कुछ लोग चार दिन की छुट्टी मिलने से बाहर घूमने गए। अब उन्हें सरकार के खिलाफ शिकायत करने का कोई अधिकार नहीं है।

इस बार सिर्फ 41 फीसदी ही वोटिंग हुई। पुनर्मतदान जहाँ हुआ वहाँ पर भी कम वोटिंग हुई। मुंबई के साथ ही देश के कुछ हिस्सों में भी कम या पहले जितनी ही वोटिंग हुई। मैं फिर कहता हूँ कि यह बहुत ही शर्म की बात है।

जॉन अब्राहम ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार सही कहा था कि वोटिंग करना अपना अधिकार नहीं बल्कि कर्तव्य है, लेकिन कुछ लोग अपना यह कर्तव्य पूरा नहीं कर पाए, जो बहुत ही बुरी बात है। मुझे लगता है कि हम असफल हो गए हैं। लोगों ने वोटिंग करने के बजाय बाहर घूमने जाना पसंद किया जो शर्मनाक है।

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