राजस्थान में भी कांगेस का जादू चला और पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 25 में से 19 सीटों पर कब्जा कर लिया, जबकि भाजपा को पाँच सीटें मिलीं और एक सीट पर निर्दलीय ने कब्जा किया।
कांगेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, राष्ट्रीय महासचिव सांसद राहुल गाँधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रदेश में तूफानी चुनाव प्रचार का असर स्पष्ट दिखा। राहुल के करीबी प्रदेश कांगेस अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी (भीलवाड़ा), राष्ट्रीय सचिव जितेन्द्रसिंह (अलवर) लोकसभा पहुँचने में सफल रहे।
कांग्रेस ने भाजपा के गढ जयपुर में 17 साल बाद और कोटा में एक दशक बाद जीत दर्ज कर सभी को चौंका दिया। विधानसभा चुनाव में राजसमंद सीट से एक वोट से चुनाव हारने वाले सीपी जोशी ने भीलवाड़ा सीट पर जीत दर्ज की।
कांग्रेस के मंत्री शीशराम ओला, सांसद सचिन पायलट चुनाव जीत गए, वहीं भाजपा के मौजूदा नौ सांसद चुनाव हार गए। भाजपा के दो सांसद फिर चुनाव जीतने में सफल रहे। दौसा से निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. किरोड़ीलाल मीणा चुनाव जीत गए हैं।
भाजपा के चुनाव हारने वाले दिग्गजों में मौजूदा सांसद जसवंत विश्नोई जोधपुर, पुष्प जैन पाली, निहालचंद मेघवाल श्रीगंगानगर, वीपी सिंह भीलवाड़ा, महावीर भगोरा उदयपुर, सुभाष महरिया सीकर, श्रीचंद कृपलानी चितौडगढ़, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विधायक किरण माहेश्वरी और सांसद रासासिंह रावत शामिल हैं।
भाजपा के सांसद रामसिंह कस्वा चूरू और बाराँ-झालावाड़ से सांसद दुष्यन्तसिंह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। कांगेस के दिग्गज रहे और पूर्व राज्यपाल बूटासिंह जालौर संसदीय सीट से चुनाव हार गए। जालौर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार संध्या चौधरी दूसरे नंबर पर रहीं।
चुनाव मैदान में उतरी तीस महिलाओं में से कांगेस की चन्द्रेश कुमारी जोधपुर, डॉ. ज्योति मिर्धा नागौर और डॉ. गिरिजा व्यास चितौडगढ़ से लोकसभा पहुँचने में सफल रहीं।