लोकसभा में पहली बार होंगे चार गाँधी

रविवार, 17 मई 2009 (14:27 IST)
नेहरू-गाँधी खानदान के चार-चार सदस्य इस बार लोकसभा की शोभा बढ़ाएँगे। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि इस परिवार के एक साथ चार सदस्य निचले सदन में बैठेंगे। यह अलग बात है कि इनमें दो एक खेमे से तो दो दूसरे खेमे से होंगे।

भाजपा के तेजतर्रार नेता वरुण गाँधी पहली बार पीलीभीत से जीतकर लोकसभा पहुँचेंगे और संसद पहली बार दो माँ-बेटों की जोड़ी का स्वागत करेगी। देश के प्रथम राजनीतिक परिवार के ये गाँधी दो मुख्य राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और उनके पुत्र राहुल गाँधी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा होंगे तो भाजपा नेता मेनका गाँधी और उनके पुत्र वरुण गाँधी भगवा पार्टी के बैनर तले विपक्ष में बैठेंगे।

संसद के इतिहास में कुछ एक बार को छोड़कर अब तक नेहरू-गाँधी खानदान का कोई न कोई सदस्य लोकसभा में मौजूद रहा है।

इस खानदान में सबसे पहले जवाहरलाल नेहरू ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में लोकसभा में कदम रखा जो इस पद पर 1952 से लेकर 1964 में अपने अंतिम समय तक बने रहे।

नेहरू जब तक लोकसभा के सदस्य रहे तो अधिकतर समय उनके दामाद फिरोज गाँधी भी उनके साथ लोकसभा में रहे। नेहरू की बेटी इंदिरा गाँधी के पति फिरोज गाँधी उत्तरप्रदेश की प्रतापगढ़ संसदीय सीट से 1952 से 1960 तक लोकसभा के सदस्य रहे।

कुछ समय तक संसद में नेहरू गाँधी परिवार के किसी सदस्य की मौजूदगी नहीं रही लेकिन उसके बाद इंदिरा गाँधी ने 1960 में अपने पति फिरोज गाँधी की मौत के बाद उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र से चौथी लोकसभा में 1967 में कदम रखा।

इस खानदान की तीसरी पीढ़ी के संजय गांधी 1977 में लोकसभा पहुँचे। संजय गाँधी को भविष्य में प्रधानमंत्री पद के मजबूत दावेदार के रूप में देखा जाता था। हालाँकि 1980 में एक विमान हादसे में उनकी असमय मौत हो गई।

उनकी मौत के चलते उनके बड़े भाई राजीव गाँधी का राजनीतिक क्षेत्र में पदार्पण हुआ, जिन्हें राजनीति से परहेज था। राजीव 1981 में उपचुनाव जीत कर लोकसभा पहुँचे और 1991 तक सदन के सदस्य रहे। इसी साल एक आत्मघाती हमले में उनकी मौत हो गई।

गाँधी परिवार से नाराज खानदान की छोटी बहू मेनका भी 1989 में लोकसभा पहुँचीं। उस समय उन्होंने जनता दल के टिकट पर पीलीभीत से चुनाव जीता था।

राजीव गांधी की मौत के बाद राजनीति से सात साल तक दूर रहने वाली उनकी विधवा और इटली में जन्मी सोनिया गाँधी नेहरू-गाँधी खानदान की लोकसभा पहुँचने वाली सातवीं सदस्य बन गई। उन्होंने 1999 में चुनाव लड़ा। उनके बाद उनके पुत्र राहुल गाँधी उत्तरप्रदेश की अमेठी सीट से 2004 में चुनाव जीत कर पहली बार लोकसभा पहुँचे।

खानदान के सबसे युवा और विवादास्पद तथा मेनका के पुत्र वरुण गाँधी भी इस बार पीलीभीत से चुनाव जीत कर लोकसभा में कदम रखने की तैयारी में हैं।

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