कांग्रेस नेता वायलार रवि ने अपनी सांगठनिक कुशलता के बूते तेजतर्रार छात्रनेता से मनमोहनसिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री तक का सफर बखूबी तय किया।
विधि स्नातक 72 वर्षीय रवि ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्रनेता के रूप में की। वर्ष 1957 में उन्होंने केरल स्टूडेंट्स यूनियन को एकजुट किया, जिसने राज्य में छात्र आंदोलन की शुरुआत की और कांग्रेस को केरल में अपने पैर जमाने में मदद की।
वर्ष 1982 में केरल में के. करुणाकरण के नेतृत्व वाली सरकार में उन्होंने बतौर गृहमंत्री काम किया, लेकिन चार वर्ष बाद मुख्यमंत्री के साथ मतभेद होने के कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
रवि वर्ष 1965 में केरल युवक कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एके एंटनी और ओम्मन चांडी छात्र जीवन से ही रवि के करीबी रहे।-भाषा