26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण है। ग्रहण के समय मंत्र दीक्षा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है, क्योंकि इस समय मनकारक चंद्र, आत्मकारक सूर्य, पंचतत्वीय शरीर कारक पृथ्वी तीनों एक ही तल पर एक ही लय में होते हैं। अतएवं जो ब्रह्मांड में सो पिंड में सिद्धांत अनुसार ग्रहण का समय ध्यान में लगाने से इष्ट मंत्र जप करने से सफलता व सिद्धि शीघ्र मिलती है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हिंदू दिव्य पर्वों में ग्रहण का भी विशेष स्थान है। अतः नियम एवं संयम के साथ स्नान जप, तप, और हवन यज्ञ के द्वारा बाधाओं की निवृत्ति एवं सुखों की प्राप्ति के लिए अनुष्ठान करना चाहिए।
आइए जानें ग्रहण काल में ध्यान रखने योग्य 8 बातें...
1. मन तथा बुद्धि पर पड़े प्रभाव से लाभ उठाने के लिए जप, ध्यानादि का विधान है।
5. ग्रहण आरंभ के 9 घंटे पहले से ग्रहण का सूतक प्रभावी हो जाता है।
6. उस समय जो घड़े में भरा जल या भोजन रखा हो, वह भी फिर उपयोग करने योग्य नहीं होता।