मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा की पांचवी बार सरकार बनती हुई दिखाई दे रही है। अगर एग्जिट पोल 3 दिसंबर को सहीं साबित होते है तो मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनती दिख रही है। अगर मध्यप्रदेश में भाजपा जीतती है तो उसमें चुनावी साल में शिवराज सरकार की ओर से शुरु की गई लाड़ली बहना की अहम भूमिका मानी जा रही है।
एग्जिट पोल्स के अनुमानों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एग्जिट पोल प्रदेश की जनता की जनभावनाओं को कह रहा है। वहीं लाड़ली बहना योजना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "कांटे की टक्कर में लाड़ली बहनों ने सारे कांटे निकाल दिए,कोई कांटा ही नहीं बचा। मैंने ऐसा चुनाव नहीं देखा जहां चुनावी रैलियों मेंं पुरुषों से ज्यादा बहनों आती थी। चुनाव में बहनों का अपार प्यार और समर्थन मिला। मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि वह जहां भी जाते थे वहां पर बहनें कहती थी कि अपन जीत रहे है। वह यह नहीं कहती थी कि भाजपा जीत रही है। अपन जीत यानि बहनों को भाजपा की जीत में अपनी जीत दिखाई दे रही थी, इसलिए लाड़ली बहनों ने मध्यप्रदेश में चमत्कार किया है"।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि मध्यप्रदेश में कोई कांटे की टक्कर नहीं है। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से जीतेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व, अमित शाह की रणनीति, जेपी नड्डा का मार्गदर्शन और कार्यकर्ताओं का अथक परिश्रम और मध्यप्रदेश भाजपा सरकार की अनेकों योजनाएं जिन्होंने जनता की जिंदगी बदली है और विकास, यह स्पष्ट बताते थे कि मध्यप्रदेश में भाजपा भारी बहुमत से जीतेगी।
लाड़ली बहना कैसे बनी गेमचेंजर?- मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी में लाड़ली बहना योजना गेमचेंजर मानी जा रही है। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा लाड़ली बहना योजना को लेकर काफी अक्रामक दिखाई दी। वहीं वोटिंग के दिन जिस तरह पोलिंग बूथों पर महिला वोटर्स की भीड़ उमड़ी उसने भाजपा को बड़ी राहत दी। लाड़ली बहना योजना को लेकर मध्यप्रदेश के सभी सियासी विश्लेषक एक मत है कि गांवों में लाड़ली बहना योजना का व्यापक असर हुआ है औऱ यहीं कारण प्रदेश की ग्रामीण वोटर्स के बाहुल्य वाली विधानसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा है।
अगर प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर वोटिंग को परसेंट को देखा जाए तो 34 विधानसभा सीटों पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक है। यह ऐसी विधानसभा सीटें है जहां पर ग्रामीण वोटर्स की संख्या अधिक है और यहा महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में 5 से 11 फीसदी तक अधिक मतदान किया है। उदाहरण के तौर पर सीधी जिले की सिंहावल विधानसभा सीट पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मत प्रतिशत 11.91 प्रतिशत अधिक है।