मध्य प्रदेश में विधानसभा टिकटों पर बवाल, कांग्रेस और भाजपा में विरोध के स्वर
शनिवार, 21 अक्टूबर 2023 (01:48 IST)
Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा 88 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची की घोषणा के बाद शुक्रवार को राज्य में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। भाजपा में भी असंतोष के स्वर कम नहीं हैं। महू के भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव को लिखे पत्र में स्थानीय व्यक्ति को ही उम्मीदवार बनाने की मांग की है। वर्तमान में यहां से उषा ठाकुर विधायक हैं और एक बार फिर उन्हें यहां से टिकट मिल सकता है। सीधी सीट पर भी वर्तमान विधायक केदारनाथ शुक्ल टिकट कटने से नाराज हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुरहानपुर, शाजापुर जिले के शुजालपुर, नर्मदापुरम जिले के सिवनी-मालवा, रीवा जिले के सेमरिया, रतलाम जिले के जावरा और आलोट सहित कुछ अन्य स्थानों से पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर आपत्ति जताई। पार्टी द्वारा उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। उन्हें रतलाम जिले की आलोट सीट से टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने वहां मौजूदा विधायक मनोज चावला को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
गुड्डू ने कहा कि वह नई दिल्ली और भोपाल (पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व) के फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि वह आगामी चुनाव एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ सकते हैं।
असंतुष्ट कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पार्टी उम्मीदवार हिम्मत श्रीमाल का पुतला जलाया, जिन्हें पार्टी ने रतलाम जिले की जावरा सीट से मैदान में उतारा है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे श्रीमाल को उम्मीदवार के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।
शाजापुर जिले के शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र से रामवीर सिंह सिकरवार को दी गई उम्मीदवारी के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि वह शराब के कारोबार में शामिल हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारे लगाते हुए कहा कि वे उन्हें अपने उम्मीदवार के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। टिकट से वंचित योगेन्द्र सिंह उर्फ बंटी बना के समर्थकों ने सिकरवार का पुतला फूंका।
नर्मदापुरम जिले के सिवनी-मालवा निर्वाचन क्षेत्र से टिकट से वंचित किए गए पूर्व विधायक ओमप्रकाश रघुवंशी के समर्थकों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने नारे लगाते हुए मांग की कि अजय बलराम पटेल की जगह रघुवंशी को पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाए।
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार देर रात अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। इसके साथ ही 17 नवंबर को होने वाले 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए एक को छोड़कर सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।
कांग्रेस ने अभी तक बैतूल जिले की आमला सीट से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, जहां से महिला डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे टिकट मांग रही हैं, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने अभी तक सेवाओं से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। कांग्रेस की दूसरी सूची में 11 महिलाओं के नाम हैं, जिससे कुल महिला उम्मीदवारों की संख्या 30 हो गई है, जो 229 सीटों का लगभग 13 प्रतिशत है।
कांग्रेस ने अपने छह मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है। उसने पहली सूची में घोषित चार सीटों पर उम्मीदवारों को भी बदल दिया है। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो रही है।
महू में दोनों पार्टियों में विरोध के स्वर : इदौर जिले के महू में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों में विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं। महू विधानसभा सीट पर दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार के समर्थकों ने रामकिशोर
शुक्ला को टिकट देने का विरोध किया है। करणी सेना भी दरबार के समर्थन में उतर आई है। माना जा रहा है कि अंतर सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं।
भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव को लिखे पत्र में मांग की है कि महू से स्थानीय व्यक्ति को ही उम्मीदवार बनाया जाए। यहां वर्तमान में उषा ठाकुर विधायक हैं। पहले कैलाश विजयवर्गीय 10 वर्ष तक इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। दोनों ही महू के निवासी नहीं हैं।
हस्ताक्षर करने वाले नेताओं का मानना है कि 15 वर्षों में स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। इंदौर क्षेत्र क्रमांक 1 के कांग्रेस कार्यकर्ता भी राजा मंधवानी को टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)