मध्यप्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद कौन बनेगा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री?

विकास सिंह

सोमवार, 4 दिसंबर 2023 (14:40 IST)
मध्यप्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह हो गया है कि सूबे के अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। भाजपा के पांचवीं बार सूबे में सत्ता में वापसी के  साथ इस बार मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सस्पेंस इसलिए है क्योंकि पार्टी ने पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा और उसने विधानसभा चुनाव में किसी को भी अपना चेहरा नहीं बनाया। इसलिए अब प्रचंड जीत के बाद यह सबसे बड़ा सवाल है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।

शिवराज का नाम सबसे आगे-मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे है। अगर शिवराज सिंह चौहान का नाम भाजपा के सभी दिग्गजों पर भारी पड़ रहा है तो इसकी एक नहीं कई वजह है। प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत के पीएम मोदी के साथ सीएम शिवराज सबसे बड़े शिल्पकार है। भाजपा ने भले ही पीएम मोदी के नाम पर विधानसभा चुनाव लड़ा हो लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना योजना भाजपा की प्रचंड जीत में सबसे अहम भूमिका है।  

ऐसे में जब अगले साल लोकसभा चुनाव है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में भाजपा के सबसे लोकप्रिय चेहरे है तब इसकी संभावना बहुत अधिक है कि शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की बागडोर संभाल सकते है।

नरेंद्र सिंह तोमर तगड़े दावेदार-केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहे है। दिमनी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए नरेंद्र सिंह तोमर को भाजपा हाईकमान ने प्रदेश की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाकर प्रदेश में जीत की अहम जिम्मेदारी सौंपी थी उसमें नरेंद्र सिंह तोमर पूरी तरह खरे उतरे। चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष होने के नाते नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने चुनावी अनुभव से जो सियासी रणनीति अपनाई उसको कांग्रेस भेद नहीं पाई और भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल की है।

वीडी शर्मा प्रचंड जीत के अहम शिल्पकार-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रदेश मुख्यमंत्री बनने दौड़ में भले ही ऊपरी तौर पर दिखाई नहीं दे रहो लेकिन उनके नाम पर भाजपा के साथ संघ अपनी मोहर लगा सकता  है। वीडी शर्मा ने अपनी संगठनात्मक क्षमता का परिचय देते हुए प्रदेश के 65 हजार बूथों पर जो कार्य किए उसने प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत की नींव रख दी। वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा ने प्रदेश में 48 फीसदी से वोट शेयर हासिल कर अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।

प्रहलाद सिंह पटेल अहम दावेदार-केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के सबसे अहम दावेदारों में से एक है। केंद्रीय मंत्री होने के बाद भी नरसिंहपुर से विधानसभा चुनाव में उतरे प्रहलाद सिंह पटेल प्रदेश में ओबीसी वर्ग के सबसे बड़े चेहरों में शामिल है। प्रहलाद सिंह पटेल उस महाकौशल क्षेत्र से आते है जिससे अब तक प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं बना है। लोकसभा चुनाव में ओबीसी वर्ग को साधने के लिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रहलाद सिंह पटेल पर अपना दांव लगा सकती है।

कैलाश विजयवर्गीय भी रेस में- भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे है। चुनाव के दौरान कैलाश विजयवर्गीय का  यह बयान  कि वह केवल विधायक बनने नहीं आए बहुत कुछ इशारा करती है। कैलाश विजयवर्गीय ने न केवल इंदौर-1 सीट से जीत हासिल की है बल्कि उनकी रणनीति के चलते भाजपा ने इंदौर की सभी 9 सीटों पर जीतने के साथ मालवा-निमाड में 48 सीटों पर जीत हासिल की है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया- मार्च 2020 में अपने 19 समर्थक विधायकों के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी सियास हल्कों में मुख्यमंत्री की रेस में शामिल किया जा रहा हो लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है। इसकी सबसे बड़ी वजह भाजपा के एक खेमा अब भी सिंधिया को स्वीकार नहीं कर पाया है।

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