रेलवे ने छोटे मुनाफे के लिए ट्रेनों के एसएलआर कोच निजी ठेकेदारों के हाथों में दे दिए हैं। इनके बेतरतीब उपयोग का नतीजा हर दिन छोटी-ब़ड़ी घटना के रूप में सामने आ रहा है। ऐसे ही हालात रहे तो किसी दिन ब़ड़े नुकसान से भी रेलवे को दो-चार होना प़ड़ सकता है। मंगलवार को तुलसी एक्सप्रेस में हुआ हादसा भी इसी लापरवाही का नतीजा माना जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने ट्रेन के अगले एसएलआर को पिछले कुछ समय से लीज पर देना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि अल्प किराए पर उपलब्ध कराए जाने वाले इन कोचों में ठेकेदारों द्वारा मनमर्जी से लोडिंग-अनलोडिंग की जा रही है। ठेकेदार इनमें निर्धारित क्षमता से ज्यादा सामान भर रहे हैं। इसके अलावा लोडिंग-अनलोडिंग के लिए इनके पास कुशल श्रमिक भी नहीं हैं। इसका नतीजा यह है कि अक्सर कोच के जंक्शन बाक्स, गेट या अन्य उपकरणों को नुकसान हो रहा है।
गौरतलब है कि मंगलवार को तुलसी एक्सप्रेस के जंक्शन बाक्स में आग लग गई थी, जिसे समय रहते काबू कर लिया गया अन्यथा इसमें ब़ड़ा हादसा हो सकता था।
यशवंत कुमार चौधरी (सीनियर डीसीएम) ने कहा कि आय ब़ढ़ाने के लिए रेलवे ने एसएलआर लीज पर देने का फैसला लिया है। गा़ड़ी को नुकसान पहुँचाने या निषेध वस्तुओं की लोडिंग करने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड करने का प्रावधान है।