रायपुर डीईओ ने की खुदकुशी

गुरुवार, 30 अप्रैल 2009 (14:23 IST)
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. शैल शांडिल्य (55 वर्ष) ने फाँसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। उनका शव बुधवार की सुबह शंकरनगर स्थित आवास से बरामद किया गया। आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान उन्हें वरिष्ठ अफसरों की गहरी नाराजगी झेलनी पड़ी थी। इसके कारण वे काफी विचलित थीं।

सिविल लाइन पुलिस के अनुसार डॉ. शांडिल्य शंकर नगर में अपनी दो भतीजियों के साथ रहती थीं। डॉ. शांडिल्य बुधवार की सुबह करीब छह बजे तक उठ गई थीं। उनकी एक भतीजी अलका नरदहा में शिक्षाकर्मी है, वह सुबह 8 बजे स्कूल के लिए निकल गई थी। उसके कुछ समय बाद 9 बजे सुश्री शांडिल्य की दूसरी भतीजी अंजू भिलाई में बीएड की परीक्षा देने निकली। उस दौरान डॉ. शांडिल्य पूरी तरह सामान्य थीं। सुबह लगभग 10 बजे उनका जीप ड्राइवर इमरोज खान उन्हें ऑफिस ले जाने के लिए आया। घंटी बजाने पर कोई नहीं निकला तो वह बाहर वाले कमरे में बैठकर इंतजार करने लगा। लगभग 11 बजे घर का माली दुकालूराम दीवान भी वहॉं आ गया।

उसने भी घंटी बजाई, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद वह घर के अंदर चला गया। अंदर डॉ. शांडिल्य की लाश फॉंसी पर लटकी हुई थी। दुकालूराम और इमरोज ने फोन पर तुरंत इसकी सूचना ऑफिस के अन्य कर्मियों व पुलिस को दी। मौके पर पहुँचे पुलिस अफसरों के अनुसार कोई सुसाइडल नोट नहीं मिला है। आत्महत्या की वजह भी स्पष्ट नहीं हो पाई है। घरवालों व ऑफिस के लोगों से पूछताछ की जा रही है।

कई दिनों से थीं तनाव में: डॉ. शांडिल्य के करीबी सूत्रों के अनुसार पिछले दो-तीन महीने से वे काफी तनाव में थीं। प्रयोगशाला सहायक के पद पर जयप्रकाश सिन्हा की भर्ती को अनुमोदन नहीं देने के मामले में मंगलवार को ही डॉ. शांडिल्य को फटकार पड़ी थी। इससे पहले भी एक मामले में डॉ. शांडिल्य को खरी-खोटी सुननी पड़ी।

अपनी गाड़ी से नहीं लौटीं: डॉ. शांडिल्य मंगलवार की शाम अपनी गाड़ी से घर नहीं लौटी थीं। उनके ड्राइवर ने बताया कि मंगलवार की शाम मैडम ने उसे पहले ही घर भेज दिया था। पुलिस अफसरों के अनुसार ड्राइवर को वापस भेजने के बाद वे अपने कार्यालय के किसी सहयोगी के साथ घर लौटीं।

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