भाजपा की सदस्यता लेने के बाद सिंधिया ने कहा कि उनके जीवन में 2 तारीखें महत्वपूर्ण हैं। पहली 30 सितंबर 2001 जब मेरे पिता माधवराव सिंधिया का निधन हुआ था। इस घटना ने मेरे जीवन को बदलकर रख दिया था। दूसरी, पिता के 75वें जन्म दिवस यानी 10 मार्च, 2020 को जब मैंने 18 साल पुरानी अपनी पार्टी कांग्रेस को छोड़ने का फैसला किया और भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि कुछ मोड़ ऐसे आते हैं, जो आपका जीवन बदलकर रख देते हैं। इन 2 तारीखों में मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो पहले थी, अब नहीं रही। मेरा दिल व्यथित है क्योंकि कांग्रेस अब बदल गई है। वास्तविकता से दूर हो गई है।
सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया है। मध्यप्रदेश मेरे दिल में बसता है और राजनीति जनसेवा को पूरा करने का माध्यम है, जो कांग्रेस में रहकर मैं अब नहीं कर पा रहा हूं।
सदस्यता लेने के बाद सिंधिया ने कहा कि मैं सर्वप्रथम नड्डा जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह जी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि आपने मुझे अपने परिवार में आमंत्रित किया और एक स्थान दिया। हमारे लिए राजमाता जी आदर्श और हम सब के लिए एक दृष्टि और दिशा देने वाली नेता रही हैं।