शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज, ग्वालियर-चंबल का घटेगा कद, विंध्य-महाकोशल को मिलेगा मौका
उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री इमरती देवी,एंदल सिंह कंसाना और राज्यमंत्री गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गए है और तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने बिना विधायक छह महीने मंत्री पद पर बने रहने की संवैधानिक बाध्यता के चलते बीच चुनाव में इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में अब चुनाव की बाद लंबे समय से मंत्रिमंडल में अपनी दावेदारी कर रहे नेताओं ने सरकार और संगठन के गलियारों में चक्कर लगाना शुरु कर दिया है।
माना तो यह भी जा रहा था कि चुनाव के फौरान बाद दोनों ही दिग्गज नेताओं को फिर से मंत्री पद की शपथ दिलाकर उनको दीवाली गिफ्ट भी दिया जाएगा लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह बयान की मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई जल्दी नहीं है,ने यह साफ कर दिया कि अभी दोनों ही नेताओं को और इंतजार करना होगा। सिंधिया के बेहद करीबी माने जाने वाले तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत के पास बड़े और मलाईदार विभाग थे। ऐसे में अब मंत्रिमंडल विस्तार के बाद क्या इनके विभागों में भी फेरबदल होगा इस पर सबकी निगाहें लग गई है।
विंध्य और महाकौशल पर सबकी नजर- अब जब उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शिवराज कैबिनेट के विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है तो अब तक सरकार में लगभग नजरअंदाज किए गए विंध्य और महाकौशल के नेताओं ने अपनी दावेदारी तेज कर दी है। वर्तमान में शिवराज कैबिनेट के 33 मंत्रियों में महाकौशल को मात्र एक प्रतिनिधित्व मिला है और बालाघाट से विधायक रामकिशोर कांवरे कैबिनेट में राज्यमंत्री है। महाकौशल को कम प्रतिनिधित्व मिलने पर पूर्व मंत्री अजय विश्नोई कई बार खुलकर अपनी नाराजगी जाहिए कर चुके है। इसके साथ महाकौशल से आने वाले संजय पाठक भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल है।
वहीं अगर विंध्य की बात करें तो विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अंचल से रामखेलावन पटेल, मीना सिंह के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए बिसाहूलाल सिंह को प्रतिनिधित्व मिला था। ऐसे में अब मंत्रिमंडल विस्तार में राजेंद्र शुक्ल,केदार शुक्ला, गिरीश गौतम, नागेंद्र सिंह जैसे सीनियर विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए है।
इमरती देवी और कंसाना का होगा पुनर्वास– उपचुनाव में हराने वाली मंत्री इमरती देवी भले ही मंत्री पद पर बने रहने का दावा कर रही हो लेकिन अब उनको निगम मंडल में एडजस्ट करने की तैयारी शुरु हो चुकी है। 19 नवंबर को ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्थित में होने वाली बैठक इस पर कोई अंतिम निर्णय हो सकता है। वहीं चुनाव हराने वाले मंत्री एंदल सिंह कंसाना के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब उनको निगम मंडल में शामिल किया जाएगा।