कुंवर राजेन्द्रपालसिंह सेंगर
बागली (देवास)। विगत दिनों अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीषा बसेर ने अपने चाचा की हत्या के मामले में आरोपी कलयुगी भतीजे को दोषसिद्ध करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 5 हजार रूपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया। चाचा का कसूर सिफ इतना था कि उसने अपने भतीजे को किसी अन्य की स्त्री को भगाने की बात पर नसीहत दी थी।
न्यायाधीश बसेर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी राधेश्याम को हत्या व भादंसं की धारा 325 के तहत दोषसिद्ध करार दिया एवं हत्या के आरोप में आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए के अर्थदंड व भादंसं की धारा 325 के आरोप में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया। साथ ही अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर क्रमशः 6 माह एवं 1 माह के अतिरिक्त कारावास की व्यवस्था भी की।
न्यायाधीश बसेर ने आरोपी द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में बिताई गई 3 वर्ष 3 माह व 8 दिन की अवधि को मुख्य कारावास की सजा में समायोजित करने के निर्देश भी दिए। साथ ही मृतक की पत्नी केशरबाई को पहुंची चोटों के प्रतिकर स्वरूप अर्थदंड की राशि में से 5 हजार रूपए की राशि अपील अवधि के पश्चात दिए जाने की व्यवस्था भी की।