भोपाल। इंदौर में बेलेश्वर मंदिर में बावड़ी में गिरने से 36 लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने आनन-फानन में मंदिर को तोड़ दिया और मौत का बावड़ी को भले ही पाट दिया हो लेकिन आनन-फानन में प्रशासन की कार्यवाही के खिलाफ लोग सड़क पर उतर आए। लोगों के विरोध को देखते हुए सरकार ने अब पूरे मामले पर यूटर्न ले लिया है।
आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंदौर में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद सरकार ने पूरे प्रदेश में निर्देश दिए थे कि कुएं और बावड़ी को चिन्हिंत कर बंद करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुएं और बावड़ी को भऱना उपाय नहीं है। भाजपा महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अच्छा सुझाव दिया है कि कुएं और बावड़ी को जल स्रोतो के रूप में उपयोग किया जाए।
सीएम शिवराज ने आगे कहा कि इंदौर में घटना के बाद उस बावड़ी को भर दिया गया था लेकिन वहां मंदिर पुराना था और कई वर्षों से श्रद्धालु वहां पूजा कर रहे थे। पूरे विधि विधान के साथ प्रतिमा दूसरे स्थान पर स्थापित की गई लेकिन मुझे उचित लगता है कि पूरी तरह से सुरक्षित रखते हुए सामंजस्य और सद्भाव के साथ फिर से मंदिर स्थापित किया जाए जिससे कॉलोनीवासी फिर से पूजा और अर्चना कर सके।
दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को इंदौर में भाजपा कोर कमेटी की बैठक में इंदौर जिला प्रशासन की बावड़ी और कुएं को बंद करने की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की थी। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि इस तरह से बेतरतीब तरीके से कुएं और बावड़ी को बंद करना मैं उचित नहीं मानता. जिला प्रशासन को इस पर पुनः विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि कुएं और बावड़ी को टेक्निकलि पानी की बचत के लिए कैसे उपयोग कर सकते हैं, इस पर विचार करना चाहिए, उन्होंने कहा की बरसात के पानी को कुएं और बावड़ी में सहेजा जा सकता है।
गौरतलब है कि इंदौर में बेलेश्वर मंदिर में बनी बावड़ी में गिरने से 36 लोगों की मौत के बाद शिवराज सरकार ने प्रदेश में खुले हुए बोरवेल और क्षतिग्रस्त कुएं और बावड़ी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ FIR करने के निर्देश भी दिए थे। वहीं प्रशासन को कुएं और बावड़ी को चिन्हित कर भरने के निर्देश जारी किए गए थे।