भोपाल। जनजातीय समाज के लिए 4 मार्च का दिन अहम रहा। उनके समाज के प्रमुख उत्सव अब सरकार भी मनाएगी। यानी, भगोरिया सहित अहम उत्सव बड़े स्तर पर मनाएं जाएंगे। इस बात की घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। वे भोपाल में आयोजित जनजातीय देव लोक महोत्सव को संबोधित कर रह थे। इस कार्यक्रम में जनजातीय समाज के सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री आवास को जनता को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह आवास अब जनता का घर है। हमारे जनजातीय समाज में गोंडी भाषा, कोरकू भाषा, भीली भाषा, भिलाला भाषा सहित कई भाषाएं हैं। इन भाषाओं की आवाज आत्मा से आती है। हमें भले ही इन भाषाओं के शब्द नहीं आते, लेकिन इनमें से प्रेम का रस टपकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे लिए अभी कोई चुनाव का समय नहीं है, लेकिन मैं इस प्रेम की गंगा और परंपरा-संस्कृति के आनंद में खुद और आपसभी को डुबकी लगवाना चाहता हूं। हमारे सभी तीज-त्योहार अहम हैं। इन त्योहारों को मनाने का आनंद ही अलग है। इनमें भी जनजातीय महोत्सवों का अपना आनंद है। हमारे यहां भगोरिया का भी विशेष महत्व है। यह हमें जीवन की खुशियों का अहसास कराता है। हमने देवी-देवता नहीं देखे, लेकिन जनजातीय समाज को देखते हैं तो सारे देवी-देवताओं को नमन करने की इच्छा हो जाती है। जनजातीय समाज भोला-भाला समाज है। उसे जो मिल गया-जैसा मिल गया, आनंद के साथ ग्रहण करता है। जनजातीय समाज दोस्ती में जान भी दे सकता है। जनजातीय जिस तरह से परंपराएं निभाते हैं वो पूरे देश के लिए गौरव की बात है।
जनजातीय समाज ने छाती ठोंक कर किया संकट का सामना-सीएम डॉ. यादव ने कहा कि जब कभी देश का खराब समय आया, जब भी देश के सामने कोई चुनौती आई, तो बाकी लोग भले ही दब गए होंगे, डर गए होंगे, लेकिन हमारा जनजातीय समाज नहीं डरा और चुनौतियों का छाती ठोंक कर मुकाबला किया। भगवान बिरसामुंडा, मामा टंट्याभील ने अंग्रेजों को वो धूल चटाई कि उन्हें अपनी औकात पता चल गई। हमने टंट्या मामा के नाम पर विश्वविद्यालय बनाया। रानी दुर्गावती ने जीवन में जो युद्ध लड़ा, वो जीता। गोंडवाना की इस रानी ने 51 युद्ध लड़े और अच्छे-अच्छों को पानी पिलाया। 52वें युद्ध में जब उन्होंने देखा कि युद्ध हार जाऊंगी तो किसी के शरीर छूने से पहले ही अपने प्राण त्याग दिए। हम सभी को उनके बलिदान को याद रखने की जरूरत है। हमारे जनजातीय समाज ने अपने जन्म को सफल कर दिया।
अतिरिक्त बिजली बेच सकेंगे जनजातीय किसान-उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समाज के लिए बहुत काम किया। उन्होंने हर छोटी-छोटी जगहों पर भी सड़कें बनाने का काम किया है। हम शक्ति का केंद्र निचले स्तर पर बनाएंगे। सभी देवी-देवताओं के स्थानों को अच्छे से अच्छा बनाएंगे। अब राज्य सरकार भगोरिया जैसे स्थानीय उत्सवों को राजकीय स्तर पर मनाएगी। इसकी शुरुआत भगोरिया उत्सव से ही होगी। हमारी सरकार ने ढाई लाख वन अधिकार पत्र वितरित किए हैं। सभी खेतों में पानी पहुंचाएंगे। बिजली की व्यवस्था करेंगे। आने वाले 3 साल में सभी किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे। किसान खुद की बनाई बिजली से ही खेती और बागवानी कर पाएंगे। जनजातीय किसान अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच सकेंगे। गेहूं उत्पादक किसानों को अब 2600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से उपार्जन का लाभ देंगे। धान उत्पादन किसानों को प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सरकार दूध उत्पादन पर 5 रुपए प्रति लीटर बोनस भी प्रदान करेगी। भारत की पहचान दूध-दही से है। सरकार सहकारिता के माध्यम से दूध खरीदेगी। बच्चों की शिक्षा, गांव-गांव तक पक्की सड़क, सरकारी बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है।
जनजातीय कलाकारों के खातों में पहुंची राशि- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यहां पधारे हर जनजातीय कलाकार के बैंक खाते में 5-5 हजार रुपये डालने की घोषणा करता हूं। इसी प्रकार 946 जनजातीय कलाकारों के खाते में 46 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर की जाएगी। 3000 रुपये के मान से प्रति पेसा ग्राम सभा को राशि डालेंगे। इस तरह 3 करोड़ 47 लाख रुपये की राशि से ग्राम सभाएं अपने-अपने देवस्थानों का विकास कर पाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पैसा ग्राम सभा को 3-3 हजार रुपए वित्तीय सहायता के लिए चेक भी वितरित किए।