भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले मंगलवार को भोपाल में किसानों ने बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। राजधानी के एमवीएम ग्राउंड में भारतीय किसान संघ के बैनर तले हजारों की संख्या में किसान इक्ट्ठा हुए। किसान संघ के मंच से जब किसान संघ के नेता सरकार को कोस रहे थे तब अचानक से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कार्यक्रम स्थल पहुंच गए।
मुख्यमंत्री ने मंच से बड़ा एलान करते हुए कहा कि विका कार्यों के लिए भी अब किसान की मर्जी के बिना उनकी जमीन नहीं ली जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री ने किसानों के डिफॉल्टर होने पर कहा कि प्रदेश में 15 महीने के लिए एक सरकार आई थी, जिसके झूठे वादे के कारण कई किसान डिफाल्टर हो गये। हमने तय किया है कि किसानों के ब्याज का पैसा हमारी सरकार भरवायेगी।
इसके साथ मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों के बकाया राशि का जल्द से जल्द भुगतान करने का भी भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिल के मालिकों से बात करके किसानों की राशि के भुगतान के लिए उन्हें विवश करेंगे। इसके साथ प्रदेश में मुख्यमंत्री सड़क योजना फिर से प्रारंभ कर दी जायेगी और बलराम तालाब योजना के विषय में आपसे चर्चा करके निर्णय लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि एक जमाना था जब भिंड-मुरैना में नहर का पानी नहीं पहुंचता था। वहां नहरों को पक्की कर खेतों में पानी पहुंचाने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया। जब सिंचाई का समय आता है, तो ओवरलोड के कारण ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं होती हैं। ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाकर सिंचाई की सुविधाएं सुचारू की जायेंगी। राजस्व और बिजली से संबंधित जितनी समस्याएं हैं, उसके लिए गांवों में शिविर लगाकर आपकी समस्याओं का समाधान किया जायेगा, ताकि आपको दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। वहीं प्रदेश की मण्डियों में बड़े तौल कांटे लगाये जायेंगे, ताकि तौल का कार्य तेजी से हो सके।
इससे पहले भारतीय किसान संघ के बैनर तले एमवीएम ग्राउंड में हजारों किसानों ने अपनी 18 सूत्रीय मंगों को लेकर धरना दिया। आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक और किसान संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री महेश चौधरी की अगुवाई में हुए प्रदर्शन में प्रमुख नीतिगत समस्यायों और मांगों पर सरकार को दो टूक चेतावनी दी गई। कार्यक्रम में इंदौर विकास प्रधिकरण को भंग करने की मांग भी मंच से वक्ताओं ने की। वहीं भारतीय किसान संघ के नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग को नहीं माना गया तो सरकार के मंत्रियों औऱ विधायकों को घेराव कर उन्हें चूड़ियों सौंपी जाएगी।