इससे पहले स्पीकर के चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष कांग्रेस और बीजेपी के बीच काफी गहमागहमी देखने को मिली। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पहले दो विधायकों को शपथ दिलाई गई। इसके बाद विधानसभा में अध्यक्ष के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की तरफ से प्रस्ताव रखा गया है। सत्ता पक्ष की ओर से एनपी प्रजापति और विपक्ष की तरफ से अध्यक्ष पद के लिए विजय शाह के नाम का प्रस्ताव रखा गया।
इसके बाद सदन में कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है। प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि पहले सत्ता पक्ष की तरफ से प्रस्ताव आया है, जिस पर विचार किया जाएगा। इस पर बीजेपी की तरफ से आपत्ति दर्ज कराई गई।
इस बीच, विधानसभा के नियमों का हवाला देकर प्रोटेम स्पीकर ने कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार एनपी प्रजापति को विधानसभा स्पीकर बनने की घोषणा कर दी। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थापित कर दी गई। विधानसभा की कार्यवाही फिर शुरू होने पर बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। शिवराजसिंह चौहान ने इस तरह स्पीकर बनाने की घोषणा को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए गलत ठहराया।