भोपाल में 1984 में 2 और 3 दिसंबर की दरम्यानी रात में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक हो गई थी। इस गैस के दुष्प्रभाव से कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए तथा उन्हें दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हुईं।
3 दिसंबर, 2024 को एक सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने में कचरे का निपटान करने में विफल रहने के लिए अधिकारियों की खिंचाई की थी। अदालत ने सरकार को 4 सप्ताह के भीतर वहां से कचरे को हटाने और परिवहन करने के लिए कहा था और निर्देश पर कार्रवाई करने में विफल रहने पर अवमानना कार्यवाही की चेतावनी दी थी।(भाषा)