उन्होंने बताया कि अग्निकांड की शिकार तीनों दुकानें लोहे की चादरों से बनी थीं और इनमें वाहनों को एक-दूसरे से एकदम सटाकर खड़ा किया गया था। इससे लपटें तेजी से फैलीं और गाड़ियों ने बेहद जल्दी आग पकड़ ली। अग्निकांड में इन वाहनों से जुड़े दस्तावेज भी राख हो गए।