मध्यप्रदेश के चर्चित हनीट्रैप कांड के फरियादी और इंदौर नगर निगम के पूर्व सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह का निधन हो गया है। हरभजन सिंह का शव रीवा स्थित पैतृक घर के कमरे में मिला। रीवा पुलिस की प्रारंभिग जानकारी के अनुसार उनकी मौत संभवतः दिल का दौरा पड़ने (हार्ट अटैक) से हुई। जानकारी मिलने के बाद पड़ोसियों ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
हरभजन सिंह अकेले रहते थे। उनकी पत्नी पत्नी अपने बेटे के साथ दूसरे शहर में रहती हैं। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, ताकि मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके। इस मामले की जांच जारी है।
क्या था हनीट्रैप कांड : 17 सितंबर 2019 को जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तब हनी ट्रैप कांड सामने आया था। इंदौर में नगर निगम के तत्कालीन इंजीनियर रहे हरभजन सिंह ने इंदौर के पलासिया पुलिस थाने में ब्लैकमेलिंग की शिकायत की थी। उसके बाद हनी ट्रैप की परतें खुलनी शुरू हुई थी। हनी ट्रैप का जाल बिछाने वाले पुरुष और महिलाओं में भोपाल की कई रसूखदार महिलाएं भी शामिल थी। ये महिलाएं रसूखदार नेता, अधिकारी और उद्योगपति से शारीरिक संबंध बनाकर उनका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करती थी। इसके बाद जब बड़े लोगों का नाम इसमें आया तो मध्यप्रदेश सरकार ने 31 अक्टूबर 2020 को विशेष जांच दल स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का गठन किया था।
महिला के ब्लैकमेल से हनीट्रेप का खुलासा : हरभजन सिंह की शिकायत पर प्रदेश के चर्चित हनीट्रैप कांड का खुलासा इंदौर पुलिस ने किया था। इस मामले में 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था। हरभजन ने शिकायत में कहा था कि महिलाएं उन्हें वीडियो रिकॉर्डिंग के नाम पर ब्लैकमेल कर रही हैं। बाद में पुलिस ने भोपाल और इंदौर से 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया था।