स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व खनियाधानां रियासत के राजा खलक सिंह के पूर्वजों द्वारा इस मंदिर का निर्माण किया गया था। अंग्रेजों के शासनकाल में महाराजा खलक सिंह ने चंद्रशेखर आजाद को अपनी रियासत में रखकर उनका अज्ञातवास यहां पूरा कराया था, जिसके कारण उन्हें अंग्रेजों ने उन्हें पद से हटा दिया था।