जाति जनगणना को लेकर देश की राजनीति में इन दिनों श्रेय लेने ही होड़ दिखाई दे रही है। मोदी सरकार के जाति जनगणना कराने का फैसले को कांग्रेस अपने नेता राहुल गांधी के दबाव में आकर लिया फैसला बात रही है। वहीं राहुल गांधी लगातार जाति जनगणना की बात अपने मंचों से कह रहे है। पिछले दिनों भोपाल दौरे पर आए राहुल गांधी ने एक बार फिर साफ किया कि वह जाति जनगणना कराने के फैसलें को लेकर अडिग है।
मध्यप्रदेश वह राज्य है जहां पर ओबीसी को लेकर हमेशा से भाजपा और कांग्रेस आमने सामने रही है वहां पर अब भाजपा जाति जनगणना को लेकर एक अभियान चलाने जा रही है। इसको लेकर शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में ओबीसी वर्ग की एक बड़ी बैठक हुई जिसमें पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण सहित पार्टी के सीनियर नेताओं ने पार्टी के नेताओं को टिप्स दिए।
जातिगत जनगणना पर कांग्रेस कर रही गुमराह-भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण ने कहा कि मोदी सरकार ने 11 वर्षों में देश और पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए जो काम किए हैं, वो कांग्रेस की सरकारों ने कई दशकों में भी नहीं किए। उन्होंने जातिगत जनगणना का जो निर्णय लिया है, वो एक ऐतिहासिक निर्णय है। कांग्रेस के लोग आज ये दुष्प्रचार कर रहे हैं कि मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना का निर्णय राहुल गांधी के दबाव में लिया है। मैं राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं ने यह पूछना चाहता हूं कि देश में 60 सालों तक कांग्रेस की सरकारें रहीं और नेहरू-गांधी परिवार के तीन-तीन सदस्य प्रधानमंत्री रहे। उस समय राहुल गांधी जातिगत जनगणना की मांग क्यों नहीं की? आज जब वो विपक्ष में हैं तो लोगों के गुमराह करने के लिए और वोटों की राजनीति के लिए जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं। डॉ. लक्ष्मण ने कहा कि पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकर्ता होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम कांग्रेस के झूठ और मोदी सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के हित में किए गए कामों को देश-प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाएं।
ओबीसी आरक्षण को कांग्रेस ने रोका- वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने हाईकोर्ट में ठीक से पक्ष न रखकर ओबीसी आरक्षण के मामले को उलझा दिया। जबकि भाजपा सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के साथ ओबीसी वर्ग की गणना कराई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछड़ा वर्ग को लेकर भाजपा की सोच क्या है, इसका अंदाज इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि उमा भारती से लेकर बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री रहे और वर्तमान में डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं, यह सभी पिछड़ा वर्ग से दिए। भाजपा संगठन में 65013 बूथों में से 51 प्रतिशत बूथों के अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग से आते हैं। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इतिहास रचा है। पिछड़ा वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व मिले, उनकी बेहतरी के लिए कदम उठाए जाएं, इस बारे में पार्टी नेतृत्व लगातार काम करता रहता है और इसका सूत्रधार हमारा पिछड़ा वर्ग मोर्चा का कार्यकर्ता ही है।