भोपाल। कांग्रेस हाईकमान के छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब सबकी निगाहें मध्य प्रदेश पर आकर टिक गई हैं। सियासी गलियारों में इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि पार्टी हाईकमान किसे प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौपेंगा। पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पार्टी आलाकमान जुलाई के पहले सप्ताह में नए पीसीसी चीफ के नाम पर मोहर लगा सकता है।
इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ आज से तीन दिन के दिल्ली दौरे पर हैं। कमलनाथ दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। माना यह जा रहा है कि मुख्यमंत्री के इस दौरे के दौरान पार्टी में नए अध्यक्ष के नाम पर एक राय बनाने के साथ कैबिनेट विस्तार और निगम मंडलों में नियुक्ति पर चर्चा कर सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री कमलनाथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का कामकाज भी देख रहे हैं। चुनाव के तुरंत बाद उन्होंने पार्टी आलाकमान से प्रदेश अध्यक्ष के कामकाज से मुक्त करने का आग्रह भी किया था।
सिंधिया को मिल सकती है कमान : अगर बात करें उन चेहरों की जो इस वक्त प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं तो सबसे पहला नाम पार्टी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। गुना-शिवपुरी सीट से लोकसभा चुनाव हारने वाले सिंधिया अब मध्य प्रदेश में वापसी की राह देख रहे हैं। उधर सिंधिया खेमे के नेता जोरशोर से अपने नेता को अध्यक्ष बनाने की मांग पार्टी आलाकमान से काफी लंबे समय से कर रहे हैं। अगर सिंधिया को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो इसे आलाकमान की सूबे की सियासत में शक्ति संतुलन की कवायद भी माना जाएगा।
आदिवासी चेहरे पर लग सकती है मोहर : छत्तीसगढ़ में आदिवासी चेहरे को पार्टी की कमान सौंपे जाने के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि मध्य प्रदेश में भी अगला अध्यक्ष आदिवासी कोटे से ही होगा। अगर पार्टी के आदिवासी चेहरों की बात करें तो इसमें कमलनाथ कैबिनेट में शामिल कैबिनेट मंत्री बाला बच्चन या उमंग सिंघार में से किसी एक के नाम पर मोहर लग सकती है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आदिवासी बाहुल्य वोटों वाली सीटों पर बड़ी सफलता मिली थी, इसके बाद पार्टी में आदिवासी अध्यक्ष की मांग तेज हो गई थी।
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी आलाकमान मध्य प्रदेश में आदिवासी नेता को कमान सौंप कर नए सिरे से संगठन को मजबूत करना चाह रहा है। पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने जिस तरह गृहमंत्री बाला बच्चन को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की थी उससे इस बात के साफ संकेत हैं कि पार्टी किसी आदिवासी नेता को पार्टी की कमान सौंप सकती है। ऐसे में आने वाले समय में जब आदिवासी सीट झाबुआ पर उपचुनाव होना है तो पार्टी आदिवासी चेहरे पर भरोसा जताकर उसको मैदान में उतार सकती है।
युवा चेहरे को मिल सकता है मौका : कांग्रेस अध्यक्ष बनने की दौड़ में पार्टी के युवा चेहरे और कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी का नाम भी चर्चा में है। जीतू पटवारी का युवा होना और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी होना उनके पक्ष में जाता है। इसके साथ ही पिछले दिनों जिस तरह जीतू पटवारी 'सरकार आपके द्वाद' कार्यक्रम के तहत रात गुजार रहे हैं उससे उनका नाम तेजी से चर्चा में है। इसके साथ ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नाम पर भी पार्टी आलाकमान अपनी मोहर लगा सकता है।