मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले अपने संबोधन में मंत्रीगण को प्रदेश में गेहूं उपार्जन की स्थिति, महाराष्ट्र के साथ नदी जोड़ो अभियान के लिए हुए एमओयू, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश द्वारा परस्पर समन्वय से आगामी दिनों में की जाने वाली सांस्कृतिक-धार्मिक व इतिहास केंद्रित गतिविधियों, प्रदेश में निवेश संवर्द्धन और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिए बेंगलुरु और इंदौर में होने वाले आयोजनों तथा 20 मई को इंदौर में होने वाली मंत्रिपरिषद की बैठक तथा विजन डॉक्यूमेंट@2047 पर चर्चा के संबंध में अवगत कराया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ 10 मई को तापी बेसिन मेगा रिचार्ज योजना के संबंध में हुए एम.ओ.यू. की मंत्रिपरिषद को बधाई दी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि यह नदी जोड़ो अभियान का राज्य सरकार का तीसरा एम.ओ.यू. है। इस परियोजना से बुरहानपुर व खण्डवा जिले में भूजल में सुधार होगा। मध्यप्रदेश को 1 लाख 23 हजार हैक्टेयर और महाराष्ट्र को 2 लाख 37 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर अंतर्राज्यीय योजना के रूप में भारत सरकार से स्वीकृत कराने के लिए त्रिपक्षीय समझौते पर सहमति बनी है। इसकी विशेषता यह होगी कि प्रदेश को परियोजना की मात्र 5 प्रतिशत राशि देनी होगी, शेष लागत केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र का साझा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ रहा है। दोनों राज्यों द्वारा बाजीराव पेशवा, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, अप्पाजी भोंसले इत्यादि के गौरवशाली अतीत की घटनाओं के इतिहास लेखन, दस्तावेज संकलन, डिजिटाइलिजेशन, मोढ़ी लिपि के संरक्षण, लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर के धार्मिक-प्रशासनिक अवदानों के संरक्षण के लिए कार्य करने पर सहमति हुई है।