लेकिन जब उन्हें लगा कि लोग उनकी बात को ठीक ठंग से समझ नहीं पा रहे हैं, इस पर उन्होंने वन विभाग, सेंधवा के एसडीओ से अपने गंजे सिर पर कुछ पानी डलवाया तो पानी पूरा बह गया फिर उसे तौलिए से साफ करवाया तो तौलिये में नाममात्र का पानी निकला। एसडीओ ने लोगों को समझाया कि इसमें जंगल (बाल) नहीं थे तो पानी बह गया।