सिंधिया-शिवराज मुलाकात में मंत्रिमंडल विस्तार और इमरती देवी के सियासी पुनर्वास पर फैसला !

विकास सिंह

सोमवार, 30 नवंबर 2020 (09:45 IST)
मध्यप्रदेश में उपचुनाव के बाद सिंधिया समर्थक विधायकों का मंत्री बनने का इंतजार लंबा खींचता जा रहा है। चुनाव परिणाम आए हुए बीस दिन से अधिक हो गए है लेकिन अब तक मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख तय नहीं हो पाई है। चुनाव के दौरान संवैधानिक मजबूरी के चलते मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट भी बड़ी जीत के बाद भी फिर से अब तक मंत्री पद की शपथ नहीं ले पाए है।
 
आज भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल आ रहे और उनका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात और चर्चा का 45 मिनट का कार्यक्रम भी तय है। इसके बाद दोनों ही नेता एक साथ एक कार्यक्रम में शामिल होने ओरछा जाएंगे। मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मंडलों में नियुक्ति की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सिंधिया की होने वाली मुलाकात पर सबकी निगाहें टिक गई है। 
 
उपचुनाव में सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने वाले कैबिनेट मंत्री इमरती देवी, एंदल सिंह कंसाना और राज्यमंत्री गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार चुके है और तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत के इस्तीफा देने से कैबिनेट में पांच मंत्री पद रिक्त है। ऐसे अब एक बार शिवराज कैबिनेट के विस्तार को लेकर मंत्री पद के दावेदारों में बैचेनी बढ़नी लगी है।
 
उपचुनाव में भाजपा 19 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद अपने दम पर विधानसभा में पूर्ण बहुमत में आ चुकी है और अब भाजपा के अंदर से भी सीनियर नेताओं ने मंत्री पद के लिए लॉबिंग करना शुरु कर दिया है। 
 
तुलसी और गोविंद राजपूत फिर बनेंगे मंत्री- उपचुनाव के दौरान संवैधानिक प्रावधानों के चलते इस्तीफा देने वाले सिंधिया सर्मथक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया जाना करीब-करीब तय है। उपचुनाव में दोनों ही नेताओं के बड़े अंतर से हुई जीत ने उनके दावों को और पुख्ता कर दिया है। 
 
इमरती देवी को भी मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी !– उपचुनाव में हार कर सामने करने वाली सिंधिया की कट्टर समर्थक इमरती देवी को अब निगम मंडल में नियुक्त देकर उनका राजनीतिक पुर्नवास किया जाने की तैयारी है। आज ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से होने वाली मुलाकात में इस पर कोई अंतिम निर्णय हो सकता है वहीं चुनाव हराने वाले मंत्री एंदल सिंह कंसाना को भी निगम मंडल की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
 

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