मध्यप्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि भारत में जिस तरह से जनसांख्यिकी (Demography) आंकड़े गड़बड़ा रहे हैं, उसे देखते हुए मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 की नितांत जरूरी है।
लव जिहाद के खिलाफ राज्य की शिवराज सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के संबंध में कट्टर हिन्दू छवि वाली भाजपा नेता उषा ठाकुर ने वेबदुनिया के साथ खास बातचीत में कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि पहले से ऐसे कानून हैं, जिनके माध्यम से इस तरह के लोगों को सजा दी जा सकती है, लेकिन वे लचर किस्म के हैं। उनमें पीड़ित लड़की को समय पर न्याय मिलना संभव नहीं था। शीघ्र न्याय नहीं मिलना भी अन्याय की श्रेणी में ही आता है।
उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों में धाराएं कुछ ऐसी थीं जिनमें न्याय मिलने में वर्षों लग जाते थे। ऐसे में मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लाना नितांत आवश्यक था। जब उनसे पूछा गया कि लड़कियां भ्रमित ही न हों, इस दिशा में क्या कदम उठाए जा रहे हैं, मंत्री ठाकुर ने कहा कि इसके लिए जनजागरण किया जाता है साथ ही अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जाती है। बच्चों को भी सतर्क रहने की नसीहत दी जाती है।