जोबट उपचुनाव के लिए कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी महेश पटेल गुरुवार यानी 7 अक्टूबर को अपना पहला पर्चा दाखिल करेंगे। यह पर्चा वे ज्योतिषी द्वारा तय मुहूर्त के मुताबिक दाखिल करेंगे। यह भी एक संयोग है कि सालों पहले आलीराजपुर से चुनाव लड़कर विधायक बने उनके पिता और कांग्रेस के कद्दावर नेता वेस्ता पटेल ने भी इसी तारीख को नामांकन दाखिल किया था। महेश 8 अक्टूबर को पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ एक और नामांकन दाखिल करेंगे।
कांग्रेस ने इस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव संचालन के सारे सूत्र पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया को सौंपे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बेहद करीबी खरगोन के विधायक रवि जोशी को यहां चुनाव प्रभारी बनाया गया है। पूरे विधानसभा क्षेत्र को अलग-अलग सेक्टरों में बांटकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को अलग-अलग सेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई। यह सब लोग अपने अपने प्रभार के क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं। अभी यहां कमरा बैठकों का दौर जारी है और पार्टी के नेताओं के बीच जो छुटपुट नाराजी है, उसे दूर किया जा रहा है।
जोबट को वैसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। कांग्रेस के अजमेर सिंह ने यहां से कई चुनाव जीते और उनके निधन के बाद बहू सुलोचना रावत 2 बार विधायक रह चुकी हैं। 2003 और 2013 मैं भाजपा के माधौसिंह यहां से विधायक रहे। जोबट से भाजपा के टिकट को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है। पार्टी का प्रदेश नेतृत्व और मुख्यमंत्री यहां से कांग्रेस से भाजपा में आई सुलोचना रावत को मौका देना चाहता है जबकि भाजपा के सारे स्थानीय नेता स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें सुलोचना किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं होंगी। इसी के चलते पार्टी ने अभी यहां से उम्मीदवार की घोषणा रोक रखी है।
माधौसिंह के समर्थक कुछ दिनों पहले इस क्षेत्र में भाजपा के प्रदेश नेतृत्व द्वारा तैनात किए गए उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के सामने यह स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी स्थानीय नेता को वे उम्मीदवार के रूप में स्वीकार कर लेंगे लेकिन कांग्रेस से भाजपा में आई सुलोचना रावत या उनके बेटे को वे उम्मीदवार के रूप में नहीं स्वीकार करेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की झाबुआ यात्रा के दौरान भी क्षेत्र के कुछ सरपंचों ने उनसे मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था।