वहीँ मामले पर एनआरसी रसोईया हसीना बेगम का कहना है कि माताओं को भोजन समर्पण क्लब से आता है पर बच्चों को हमारी रसोई से भोजन दिया जाता है। जो भोजन महिलाओं को समर्पण क्लब से आया था उसमें कीड़े निकले हैं। इस मामले पर जब छतरपुर कलेक्टर रमेश भंडारी से बात की तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लाए जाने के बाद कार्रवाई की बात कही। साथ ही इस तरह के मामलों पर अंकुश लगाने और जांच की बात भी कही है।
दरअसल, समर्पण क्लब नाम से संस्था शहर के रसूखदार और सफेदपोश लोगों द्वारा चलाई जाती है, जिससे कोई मामले में सीधा हाथ नहीं डाल पा रहा है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि समर्पण क्लब नाम की संस्था को हर माह सरकार से लाखों रुपए का अनुदान भी मिलता है।