इंदौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर में बर्बर सामूहिक बलात्कार की शिकार सात वर्षीय स्कूली छात्रा की सेहत में सुधार के बाद बुधवार को पुलिस ने शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) के प्रशासन से उसका बयान दर्ज करने की अनुमति मांगी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इस वारदात से बच्ची को लगे सदमे का असर बरकरार रहने के मद्देनजर यह मंजूरी नहीं दी।
पीड़ित बच्ची मंदसौर से करीब 200 किलोमीटर दूर इंदौर के एमवायएच में 27 जून की रात से भर्ती है। सेहत में काफी सुधार के बाद उसे कल ही अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई से निजी वॉर्ड में भेजा गया है। एमवायएच के अधीक्षक वीएस पाल ने बताया कि बच्ची की सेहत में लगातार सुधार दर्ज किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल वह वारदात के सदमे से पूरी तरह बाहर नहीं निकल सकी है।
उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की तीन सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार को इस बारे में उचित फैसला किया जा सकता है कि अभी पुलिस को बच्ची का बयान दर्ज करने की अनुमति दी जाए या नहीं। इस समिति में एक मनोचिकित्सक को भी शामिल किया गया है। पाल ने यह भी बताया कि एमवायएच के निजी वॉर्ड में भर्ती बच्ची का दिल खिलौनों, वीडियो गेम और टीवी के जरिए बहलाया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि सीएसपी ने एमवायएच अधीक्षक और बच्ची के माता-पिता से मुलाकात कर पीड़ित छात्रा की सेहत के बारे में जानकारी ली। गौरतलब है कि मंदसौर में आरोपियों ने बच्ची को 26 जून की शाम स्कूल की छुट्टी के बाद कथित तौर पर लड्डू खिलाने का लालच देकर अगवा कर लिया, जब वह पैदल अपने घर जा रही थी। अमानवीय दुराचार के बाद कक्षा तीन की छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर धारदार हथियार से हमला भी किया गया था। वह 27 जून की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान हालत में मिली थी। मामले में पुलिस ने इरफान (20) एवं आसिफ (24) को गिरफ्तार किया है। (भाषा)