गेमिंग का जहर! गुप्तांग पर रुमाल बांध फांसी पर झूल गया किशोर...

शुक्रवार, 18 अगस्त 2017 (15:43 IST)
-कुंवर राजेन्द्रपालसिंह सेंगर
बागली (देवास)। ब्लू व्हेल गेम के दुष्परिणामों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने गेम डाउनलोडिंग को प्रतिबंधित कर दिया है। भारत में लगभग 3 से अधिक और विश्व में लगभग 130 किशोर व बच्चे इस गेम का शिकार होकर आत्महत्या कर चुके हैं।
वास्तव में ब्लू व्हेल या किसी अन्य ऑनलाइन मोबाइल गेम से आत्महत्या का पहला मामला लगभग ढाई माह पूर्व देवास जिले के बागली नगर में हुआ था, जिसमें एक 14 वर्षीय किशोर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के दौरान किशोर पूर्णतः नग्न था और उसके गुप्तांग पर रूमाल बंधा हुआ था। 
 
जानकारी के अनुसार विगत 28 मई 2017 रविवार को नगर के वार्ड 12 में रहने वाले संजय पिता बाबूलाल जोशी के 14 वर्ष के पुत्र गौरव ने अपने घर की पहली मंजिल पर फांसी पर लटककर आत्महत्या कर ली थी। संजय साप्ताहिक हाट में रेडीमेड कपड़े विक्रय करने का व्यापार करता है। जबकि परिवार के अन्य सदस्य पंडिताई करते हैं और क्षेत्र में परिवार की प्रसिद्धि भी है। 
 
घटना के दौरान भी संजय रविवार के साप्ताहिक हाट में अपनी दूकान पर बैठा था। संजय की पत्नी ग्रीष्मकालीन अवकाश में अपने मायके गई हुई थी। शाम को जब वह घर लौटा तो उसने अपने पुत्र गौरव को आवाज दी और दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खुलने पर वह पड़ोसी घर में से होकर पिछवाड़े पहुंचा और पिछले दरवाजे पर लात मारकर उसे खोला व तलाश करते हुए प्रथम मंजिल पर पहुंचा तो वहां पर गौरव रस्सी के सहारे लटका हुआ था।
 
पीएम रिपोर्ट में गौरव के साथ किसी प्रकार की ज्यादती या यौन शोषण की बात सामने नहीं आई, लेकिन उसकी मौत दम घुटने से हुई थी। साथ ही वह कद-काठी में भी भारी-भरकम था। इसलिए हमउम्र बच्चे द्वारा इस प्रकार की घटना को अंजाम देने की बात को खारिज किया गया था। पुलिस ने उसके घर से उसका स्मार्टफोन बरामद भी किया था, जो कि उस समय चार्ज हो रहा था।
 
मोबाइल छोड़ता ही नहीं था : घटना के बाद संजय के पड़ोसियों ने बताया था कि गौरव को मोबाइल गेमिंग का बहुत शौक था और वह मोबाइल छोड़ता ही नहीं था। वह अपने पिता के मोबाइल पर भी गेम खेलता रहता था। इसी शौक के चलते उसके नाना ने आत्महत्या से लगभग एक माह पहले उसे स्मार्ट फोन दिलवा दिया था। जिस पर वह अक्सर गेम खेलता रहता था। लेकिन दुर्भाग्य से अन्य किसी को ब्लू व्हेल या उसके जैसे किसी दूसरे खतरनाक गेम की जानकारी नहीं थी। जिस कारण वे उसके मनोभावों को पहचान ही नहीं सके।
मोबाइल जल गया : बागली पुलिस ने गौरव का मोबाइल जब्त किया था और उसके परीक्षण के लिए उसे साइबर सेल देवास भेजने की भी योजना थी। लेकिन 1 जून से किसानों की 10 दिनों की हड़ताल आरंभ हो गई थी। जिसमें उन्होंने सब्जी और दूध की आपूर्ति को बंद कर दिया था। 
 
मंदसौर गोलीकांड के बाद देवास जिले में भी आंदोलन हिंसक हो गया था। जिसमें 7 जून को उग्र भीड़ ने बागली पुलिस अनुविभाग के बागली व हाटपीपल्या थाने सहित नेवरी और कमलापुर चौकी व चापड़ा पुलिस सहायता केन्द्र पर आगजनी की थी एवं तोडफोड़ की थी। जिसमें बागली थाने के भवन को तो बहुत नुकसान हुआ था। वाहनों, हथियारों व पुलिस रिकॉर्ड सहित जब्त सामग्री जल गई थी, जिसमें गौरव का जब्त मोबाइल भी जल गया था और मामला यहीं पर थम गया था।
 
बागली टीआई सुजीत कुमार तिवारी ने बताया कि मोबाइल तो जल चुका है, लेकिन गौरव के मोबाइल नंबर साइबर सेल को भेजे गए हैं। इससे मोबाइल का आईपी एड्रेस पता करने का प्रयास हो रहा है। जिससे पता चल सके कि मोबाइल में क्या-क्या डाउनलोड था और वह कौन-कौन सी एप्लीकेशन का उपयोग करता था।

वेबदुनिया पर पढ़ें