इंदौर, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, कटनी, भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, पन्ना, सागर, टीकमगढ़, दमोह और छतरपुर जिलों में कहीं-कहीं भारी और भारी से भारी बारिश हो सकती है।
पूर्वी मध्यप्रदेश और उसके आसपास कम दबाव का क्षेत्र बन गया है तथा द्रोणिका (मानसून ट्रफ लाइन) बाड़मेर, चितौड़गढ़, विदिशा, पूर्वी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुंच रही है। वहीं 4 अगस्त को बंगाल की खाड़ी पर एक और कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके चलते अभी कुछ दिन और ऐसा ही मौसम रहने की उम्मीद है।
सीहोर में पिछले चौबीस घंटे में 250 मिलीमीटर से अधिक पानी बरसा है। यहां नर्मदा नदी खतरे के निशान से 12 फीट ऊपर बह रही है। सीहोर शहर में बाढ़ के हालात हैं और कई घरों में पानी घुस गया है। मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून में 15 जून से 30 जुलाई तक 14 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा, 28 जिलों में सामान्य एवं 9 जिलों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई है।