जनजाति विकास मंच, इन्दौर के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को समाज की विभिन्न मांगों, समस्याओं एवं आकांक्षाओं से अवगत कराया। उल्लेखनीय है की जनजाति विकास मंच द्वारा मध्यप्रदेश शासन को वनाधिकार व पेसा कानून का मसौदा तैयार करने हेतु आभार व्यक्त किया। साथ ही यह अपेक्षा रखी कि दशकों से लंबित इस विषय पर शासन आगामी 4 दिसंबर को क्रांतिसूर्य टंट्या भील गौरव दिवस के अवसर पर प्रतीकात्मक रूप से कुछ ग्राम सभाओं को वनाधिकार पत्र सौंपकर इस कार्य का शुभारंभ करें।
इसकी सुगमता हेतु प्रत्येक तहसील स्तर पर पेसा कानून व ग्रामसभा के मार्गदर्शन हेतु हेल्प डेस्क भी स्थापित करे और शासन, ब्लॉक व तहसील स्तर के शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को इस कानून के विषय में प्रशिक्षित करें।
जनजाति विकास मंच के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि पेसा नियमावली व पेसा ग्रामों की सूची भी यथा शीघ्र जारी की जाए। समाजजनों ने यह मांग भी रखी कि केंद्र राज्य शासन की देवारण्य योजना के अंतर्गत मालवा के जनजाति क्षेत्र के लिए जनजातीय शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाए जिससे जनजातियों का सशक्तिकरण व आर्थिक उन्नयन हो सके।
जनजाति विकास मंच के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया की पातालपानी, महू में एक ऐसा भव्य परिसर बने जिसमें जनजाति समाज के सभी महापुरुषों, क्रांतिकारियों एवं राष्ट्र नायकों का सजीव चित्रमय जीवन प्रसंग गौरव के साथ प्रदर्शित हो सके।
मुख्यमंत्री ने उपरोक्त विषयों का संज्ञान लेते हुए समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। जनजाति विकास मंच इन्दौर के गोविंद भूरिया, राधेश्याम जामले, पुंजालाल निनामा, विक्रम सिंह मस्कुला इस अवसर पर जनजाति विकास मंच की ओर से उपस्थित रहे।