सरदार सरोवर का विरोध, मप्र में जल सत्याग्रह एवं प्रदर्शन
रविवार, 17 सितम्बर 2017 (22:36 IST)
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नर्मदा नदी पर गुजरात में बने सरदार सरोवर बांध का लोकार्पण कर देश को आज समर्पित करने पर जहां एक ओर गुजरात में जश्न मनाया गया। वहीं दूसरी ओर इस बांध से मध्यप्रदेश में हुए प्रभावित लोगों को उचित पुनर्वास किए बगैर इसका लोकार्पण किए जाने के विरोध में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर जल सत्याग्रह, मुंडन एवं प्रदर्शन किए गए।
मेधा पाटकर अपने 36 अन्य साथियों के साथ 15 सितंबर से जल सत्याग्रह पर बैठी थी और आज जिस वक्त मोदी इस बांध को देश को समर्पित कर रहे थे, मेधा अपने साथियों के साथ मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के छोटा बारदा गांव में नर्मदा के गहरे पानी में रहीं और जल सत्याग्रह किया।
हालांकि, सरदार सरोवर बांध के लोकार्पण का विरोध कर रही मेधा ने पिछले तीन दिनों से चल रहे अपने ‘जल सत्याग्रह’ आंदोलन को मोदी द्वारा इस बांध को देश को समर्पित करने के कुछ ही घंटों बाद आज शाम को खत्म कर दिया है। मेधा की मांग थी कि इस बांध से मध्यप्रदेश में प्रभावित होने वाले करीब 40,000 लोगों के उचित विस्थापन से पूर्व इसका लोकार्पण न किया जाए।
मेधा ने बड़वानी से बताया, ‘मैंने अपने जल सत्याग्रह को केवल अस्थाई तौर पर रोका है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर हम पैनी नजर रखे हुए हैं और आने वाले दिनों में यदि सरदार सरोवर बांध से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए जरूरत हुई, तो हम अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।’
मेधा ने बताया, ‘मुझे जानकारी मिली है कि इस बांध के प्रभावितों के हक के लिए देश के अन्य राज्यों में भी लोगों ने प्रदर्शन किए हैं। हमारे संघर्ष के कारण ही मोदी जी द्वारा देश को आज समर्पित किए गए सरदार सरोवर बांध के लोकार्पण कार्यक्रम में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए।’
नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेताओं का दावा है सरदार सरोवर बांध के गेटों को जून में बंद करने से मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी के आसपास रहने वाले धार, बडवानी, अलीराजपुर एवं खरगौन जिलों के करीब 40,000 परिवार डूब की चपेट में आ रहे है। इन घरों में करीब तीन लाख लोग रहते हैं। वे बेघर हो रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर माकपा के भोपाल जिले के सचिव पी. भट्टाचार्य ने बताया कि मोदी द्वारा सरदार सरोवर बांध को देश को समर्पित करने के कुछ ही घंटे बाद पार्टी की पोलित ब्यूरा सदस्य सुभाषिनी अली के नेतृत्व में हमारी पार्टी ने भोपाल में इसके खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार से मांग की कि इस बांध से मध्य प्रदेश में हुए सभी 40,000 परिवारों का पूर्ण एवं उचित पुनर्वास किया जाए।
उन्होंने कहा कि माकपा ने प्रदेश के अन्य जिलों में भी आज इस तरह के प्रदर्शन किए और ‘मोदी सरकार होश में आओ’ के नारे लगाए। इसी बीच, खरगोन से मिली रिपोर्ट के अनुसार खरगोन जिले के नावडाटौडी गांव में आज सरदार सरोवर बांध डूब प्रभावितों ने विस्थापन और पुनर्वास की मांग को लेकर जल सत्याग्रह किया।
नगेश केवट ने बताया कि इस दौरान शासन प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की और सरकार की नीति के विरोध मे मुंडन कर विरोध प्रदर्शन किया। केवट ने कहा कि इस बांध से प्रभावित खरगोन जिले के 150 परिवारों को पुनर्वास और मुआवजा नहीं मिला है। प्रशासन हमारी बात नहीं सुन रही है।
वहीं, खरगोन कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने कहा, ‘सभी डूब प्रभावितों का पुनर्वास कर मुआवजा दे दिया गया है। अतिक्रमण करने वाले और जो डूब में नहीं आ रहे हैं, वे भी मुआवजे की मांग कर रहे हैं।’
इससे पहले मेधा ने 27 जुलाई से 12 अगस्त तक इस बांध से मध्य प्रदेश में हो रहे प्रभावितों के उचित विस्थापन की मांग को लेकर प्रदेश के धार जिले में 17 दिन तक अनिश्चितकालीन अनशन भी किया था।
वहीं, मध्यप्रदेश नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘सरदार सरोवर बांध से मध्यप्रदेश के चार जिलों के 23,614 परिवार इसकी चपेट में आए हैं, जिनमें से आंशिक रूप से डूब में आए 99 प्रतिशत परिवार पहले ही अपने घरों को छोड़ चुके हैं। उनमें से कुछ शिविरों में रह रहे हैं, जबकि अधिकतर का उचित विस्थापन हो चुका है।’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने सरदार सरोवर बांध के आज हुए लोकार्पण कार्यक्रम में इसलिए भाग नहीं लिया, क्योंकि यह पहले से ही तय था कि उनको मोदी जी के जन्म दिवस के कार्यक्रमों में अपने-अपने राज्यों में शामिल होना था।
अधिकारी ने बताया कि सरदार सरोवर बांध का जलस्तर आज सुबह 129.58 मीटर पहुंच गया है, जबकि इस बांध के पूरे भरने पर इसका जलस्तर 138.68 मीटर होगा।
मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नदी कहलायी जाने वाली नर्मदा नदी पर बने इस बांध से गुजरात सहित मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान को पानी एवं बिजली मुहैया कराई जाएगी। इस बांध की आधारशिला रखे जाने के करीब 56 साल बाद यह बांध देश को आज मोदी जी के जन्मदिन पर उनके द्वारा ही समर्पित किया गया है। (भाषा)