चौहान ने कहा, मैं इसे गुपकार संगठन कहूं या गुप्तचर संगठन कहूं, ये तो चीन एवं पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले लोग हैं।उन्होंने कहा, वस्तुत: यह कोई गठबंधन नहीं है। रोशनी कानून की आड़ में इस गुपकार के संगठन के नेताओं ने 25,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की जमीन हड़प ली जम्मू कश्मीर में।
चौहान ने कहा, यह नेशनल कॉन्फ्रेंस हो या पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) हो, इनके बच्चे तो विदेशों में पढ़ रहे हैं। ये कश्मीरी बेटे-बेटियों के हाथ में पत्थर थमाते रहे हैं। इन्होंने विलासितापूर्ण जीवन जिया। कश्मीर को लूटने की आजादी इनको थी। इन्होंने जम्मू एवं कश्मीर को अंधेरे में धकेला। आज ये सब इकट्ठे होकर देशद्रोही की भाषा बोल रहे हैं और कांग्रेस भी इनके साथ-साथ खड़ी हुई है।
पूर्व में भाजपा के पीडीपी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, किसी भी राष्ट्र विरोधी दृष्टिकोण वालों के साथ भाजपा कभी नहीं रहेगी और इसलिए हम उस गठबंधन से उस समय उस सरकार की नीति से बाहर हो गए थे।
चौहान ने कहा, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सत्ता जल्दी प्राप्त करने की चाह में देश के विभाजन को स्वीकार किया था। देश का विभाजन करवाया। वह नेहरू थे जिन्होंने कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू करवाया, वो नेहरू थे जिन्होंने एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान की व्यवस्था करके कश्मीर को भारत से समरस नहीं होने दिया था।
वो नेहरू थे जिन्होंने कश्मीर के मामले को जो हमारे देश का आंतरिक मामला था, उसे संयुक्त राष्ट्रसंघ में ले जाकर जनमत संग्रह तक की बात की थी।उन्होंने कहा, उस अलगाववादी मानसिकता से कांग्रेस आज भी नहीं उभरी है।(भाषा)