मध्यप्रदेश मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परविंदर सिंह भाटिया ने बताया, हड़ताल के कारण सूबे के कुल 25,000 ट्रकों में से 23,000 ट्रक रोक दिए गए हैं। खाने-पीने की चीजों और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए करीब 2000 ट्रक चलाए जा रहे हैं, ताकि आम लोगों को त्योहारों के दौरान परेशानी न हो।
भाटिया ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल से सूबे में करीब 400 करोड़ रुपए का ट्रांसपोर्ट कारोबार ठप पड़ने का अनुमान है। उन्होंने मांग की कि डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए, क्योंकि अलग-अलग राज्यों में इस ईंधन की अलग-अलग कीमतों के कारण ट्रांसपोर्टरों को खासी परेशानी हो रही है।
भाटिया ने कहा, मध्यप्रदेश में राज्य सरकार डीजल पर ऊंची दर से मूल्य संवर्धित कर (वैट) और अन्य कर वसूलती है। सूबे में मिलने वाला डीजल अन्य राज्यों के मुकाबले काफी महंगा है जिससे हमें कारोबार में वित्तीय मुश्किलें हो रही हैं।