उमा ने आगे लिखा कि कल मैं उत्तरकाशी में थी, आज हरिद्वार पहुंची हूं। हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है यानी कि तबाही हरिद्वार आ सकती है। यह हादसा जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ, चिंता एवं चेतावनी दोनों का विषय है। इस संबंध में जब मैं मंत्री थी तब अपने मंत्रालय की तरफ से हिमालय व उत्तराखंड के बांधों के बारे में जो एफिडेविट दिया था, उसमें यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है। इसलिए गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पॉवर प्रोजेक्ट नहीं बनने चाहिए तथा इससे उत्तराखंड की जो 12% की क्षति होती है, वह नेशनल ग्रिड से पूरी कर देनी चाहिए।
उमा ने कहा कि मैं इस दुर्घटना से बहुत दुःखी हूं। उत्तराखंड देवभूमि है। वहां के लोग बहुत कठिनाई का जीवन जीकर तिब्बत से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए सजग रहते हैं। मैं उन सबकी रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करती हूं। जिला चमोली, रुद्रप्रयाग व पौड़ी सभी जिलों में रहने वाले अपने आत्मीयजनों से मैं अपील करती हूं कि इस आपदा से प्रभावित लोगों की रक्षा एवं सेवा कार्यों में लग जाइए।