इंदौर। धर्म, अध्यात्म और विज्ञान में समन्वय की जरूरत पर बल देते हुए निनोरा में तीन दिवसीय वैचारिक महाकुंभ का गुरुवार को आगाज हुआ। इसमें विद्वानों ने कहा कि कुंभ केवल मेला नहीं है, इसका असली मकसद यह है कि विचार लोगों तक जाए।
कार्यक्रम का शुभारंभ संघ प्रमुख मोहन भागवत, जूना अखाड़े के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। कार्यक्रम की थीम है 'रहने का तरीका सिखाएगा वैचारिक महाकुंभ'।
इस अवसर पर जूना अखाड़े के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरी ने कहा कि वैश्विक समस्याओं के समाधान का रास्ता आर्थिक क्षेत्र या राजनीति से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जगत से निकलेगा। वैश्विक समस्याओं के समाधान में भारत का आध्यात्मिक जगत अगुवाई करेगा। उन्होंने लोगों से क्षिप्रा के किनारे वृक्ष लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरे साथ 5 लाख संन्यासी है। मैं जब वृक्ष लगाने निकलूंगा तो एक लाख वृक्ष तो ऐसे ही लग जाएंगे।
गायत्री परिवार के प्रमुख और देव संस्कृति विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. प्रणव पंड्या ने सभ्यता के साथ संस्कार और शिक्षा के साथ विद्या पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा किया गया, तो घोटाले नहीं होंगे और मनुष्य का जीवन सुखी हो जाएगा।
वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सिंहस्थ दासता से मुक्ति का संदेश है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नहीं बोलता कि पर्यावरण को बर्बाद हो जाना चाहिए। बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियां आती हैं, तो पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। विकास और पर्यावरण के टकराव का विश्व के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है। इस टकराव को रोकने के लिए हमें दोनों पक्षों (विकास और पर्यावरण) के हितों को देखते हुए मध्यमार्ग निकालना होगा और इस बीच के रास्ते पर चलकर आचरण करना होगा। संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि विज्ञान और अध्यात्म को परस्पर विरोधी होने की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि दोनों के तालमेल से वैश्विक समस्याओं के समाधान खोजे जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि वैचारिक कुंभ से जो अमृत निकलेगा उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों से साझा करेंगे। इस निष्कर्ष को बाद में केंद्र सरकार और सभी राज्यों की सरकारों और संयुक्त राष्ट्र तक भी पहुंचाया जाएगा। कुंभ में शक्ति कुंभ और कृषि कुंभ नामक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जूना अखाड़े के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरी, गायत्री परिवार के प्रमुख के कुलपति डॉ. प्रणव पंड्या, संघ प्रमुख मोहन भागवत, आयोजन समिति के अध्यक्ष अनिल दवे समेत कई दिग्गज मौजूद थे। आयोजन के लिए सभी वक्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज की सराहना की।
आयोजन समिति की कमान चुंकि अनिल दवे संभाल रहे हैं अत: इसका डोम भी विश्व हिन्दी सम्मेलन की तरह ही भव्य है। यहां की व्यवस्था भी उसी तरह की दिखाई दे रही है।