जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय (MP High Court) ने एक महिला की शिकायत पर एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज बलात्कार (rape) के मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दोनों 'स्वेच्छा' से 10 साल से अधिक समय से रिश्ते में थे। 2 जुलाई के अपने आदेश में न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी ने कहा कि यह मामला कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग प्रतीत होता है।
आदेश के अनुसार महिला और पुरुष सुशिक्षित व्यक्ति हैं और उन्होंने 10 वर्षों से अधिक समय तक 'स्वेच्छा' से शारीरिक संबंध बनाए। आदेश में कहा गया है कि उस व्यक्ति द्वारा महिला से शादी करने से इनकार करने के बाद उनका रिश्ता टूट गया। अदालत ने कहा कि हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि याचिकाकर्ता (पुरुष) के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया जा सकता है।(भाषा)