संपादक : रवींद्र कालिया प्रबंध संपादक : साहू अखिलेश जैन प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ 18, इंस्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, पोस्ट बॉक्स नं. 3113 नई दिल्ली - 110003
सिनेमा, नया सिनेमा सुभाष शर्मा : स्लमडॉग मिलियनेयर - जनसाधारण की असाधारण कहानी कुणाल सिंह : देव.डी-देवदास का इमोशनल अत्याचार
शहरयार : इन्दौर विलास गुप्ते : प्लास्टिक सर्जरी का शिकार इन्दौर
त्रिवेणी अजामिल : मैं नहीं स्पर्श बोलेगा, अहंकार सुधांशु उपाध्याय : मन मा जगै बनाफर राय - आज का आल्हा फौजदार माली : धोबी घाट
वृत्तांत : विजयमोहन सिंह : कैमल बैक रोड
कहानी शिल्पी : मित्र भालचंद्र जोशी : बाहरी बाधा एस.आर.हनोट : मिट्टी के लोग सुभाषचंद्र कुशवाहा : बात थी उड़ती जा रही प्रियदर्शन मालवीय : सच क्यों देखा पुत्तर
कविता बलदेव वंशी : मृत्यु के गर्भ से ही आते हैं सर्जना संदेश, इतिहास स्थानांतरण और झरती काली धूल दिविक रमेश : यह कैसी ज़िद है, उसने कहा था हरिओम राजोरिया : सड़कें, नाम महिमा गान विश्वनाथ सचदेव : बुढ़िया सूत और सपने, शर्त लाल्टू : इस मटमैली बारिश आने को है दिन में, आबादी बढ़ रही है आवाज़ों की, गलियों के भूलभुलैये के अंत में, मेरे सामने चलता हुआ वह आदमी
देशकाल वेद राही : राही मासूम रज़ा - मेरे हमनाम मेरे दोस्त (नोटबुक) परमानंद श्रीवास्तव : अपसंस्कृति और समाजवाद का अंत (सृजन) प्रांजल धर : कहाँ से कहाँ तक (मीडिया) विनीत कुमार : टीवी सीरियलों में जज़्बात के बदलते रंग (टेलीविजन) जयदेव तनेजा : पहले नाटककार फिर निर्देशक (रंगमंच)
प्रसंग अजय तिवारी : रेत में शिल्प
पहली परंपरा की खोज भगवान सिंह : पुनरावलोकन
इतिहास प्रियंवद : स्वतंत्रता, हिन्दू भारत और सरदार पटेल
पढ़ते-लिखते सुशील सिद्धार्थ : जो समय की दिशा में बहती है