कौन थीं उलूपी?
अर्जुन की चौथी पत्नी का नाम जलपरी नागकन्या उलूपी था। यह ऐरावत वंश के कौरव्य नामक नाग की कन्या थी। मान्यता अनुसार इसका विवाह एक बाघ से हुआ था जिसे गरुड़ ने मारकर खा लिया था जिसके चलते यह विधवा हो गई थीं। इसकी अर्जुन से मुलाकात गंगाद्वार पर हुई थी। उलूपी अर्जुन को देखकर मोहित हो गई थी। वह अर्जुन को पाताल लोक में ले गई और वहां उसने अर्जुन से विवाह का अनुरोध किया और फिर उनका विवाह हो गया।
अर्जुन और उलूपी का विवाह कैसे हुआ?
माना जाता है कि द्रौपदी, जो पांचों पांडवों की पत्नी थीं, 1-1 साल के समय-अंतराल के लिए हर पांडव के साथ रहती थी। उस समय किसी दूसरे पांडव को द्रौपदी के आवास में घुसने की अनुमति नहीं थी। इस नियम को तोड़ने वाले को 1 साल तक देश से बाहर रहने का दंड था।
1. उलूपी ने अर्जुन को जल में हानिरहित रहने का वरदान दिया था।
2. महाभारत युद्ध में अपने गुरु भीष्म पितामह को मारने के बाद ब्रह्मा-पुत्र से शापित होने के बाद उलूपी ने ही अर्जुन को शापमुक्त भी किया था।