बालि- रामायण काल में सुग्रीव के भाई बालि को महाभारत काल के अर्जुन का भाई माना जाता है, क्योंकि दोनों के ही पिता इन्द्रदेव थे। कुंती ने इंद्रदेव का आह्वान करके अर्जुन को प्राप्त किया था। इन्द्र के शचि से हुए पुत्रों के नाम इस प्रकार हैं- जयंत, वसुक्त और वृषा।
शनिदेव- सूर्य के पुत्र वैवस्वत मनु, शनि, यम, कालिन्दी आदि थे। इसके अलावा महाभारत काल में कुंती पुत्र कर्ण भी सूर्यदेव के पुत्र माने जाते हैं।
पुषन- अश्विनी देव से उत्पन्न होने के कारण 'नासत्य' और 'द्स्त्र' को अश्विनी कुमार कहा जाता था। अश्विनीकुमार नासत्य 'पूषन' के पिता और 'ऊषा' के भाई कहे गए हैं। कुंती ने माद्री को जो गुप्त मंत्र दिया था, उससे माद्री ने इन दो अश्विनी कुमारों का ही आह्वान किया था। 5 पांडवों में नकुल और सहदेव इन दोनों के पुत्र हैं।