devendra fadnavis name finalised for maharashtra cm post bjp leader : भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार रात को बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है, जिन्हें दो या तीन दिसंबर को होने वाली बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे पहले, निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे नए मुख्यमंत्री के चयन के भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे।
महायुति ने 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना को 57 और राकांपा को 41 सीटें मिलीं।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने पीटीआई को बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है। भाजपा के नए विधायक दल की बैठक दो या तीन दिसंबर को होगी। शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री का पद और शिवसेना को गृह विभाग दिए जाने की अटकलों पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि महायुति की तीनों सहयोगी शिवसेना, भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) आम सहमति से इस पर फैसला करेंगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को भारी जीत मिलने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद भी नयी सरकार का गठन नहीं हुआ है। चुनाव में भाजपा 132 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
भाजपा ने घोषणा की है कि नई महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर की शाम दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भाजपा सतर्कता के साथ कदम बढ़ रही है, क्योंकि उसके सहयोगी दलों, खासकर शिवसेना की आकांक्षाएं चुनाव में मिली भारी जीत के बाद काफी बढ़ गई हैं।
महायुति की एकता पर शिंदे के जोर देने के बावजूद, सहयोगी दलों के कुछ नेताओं ने अलग-अलग राय रखी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो वे अधिक सीटें जीततीं।
वहीं, शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने दावा किया कि यदि अजित पवार की राकांपा गठबंधन का हिस्सा नहीं होती तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी ने चुनावों में 90-100 सीटें जीती होतीं। इस पर अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
नेता चुनने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक अभी तक नहीं हुई है। शिवसेना और राकांपा ने अपने-अपने नेता चुन लिए हैं।
शिंदे ने कहा करेंगे पूरा समर्थन
महायुति के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गठबंधन के घटक दल मिलकर तय करेंगे कि पांच दिसंबर को सिर्फ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे या मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव चले गए थे। गांव में उन्हें तेज बुखार हो गया। ऐसी अटकलें थीं कि शिंदे नयी सरकार के गठन से खुश नहीं हैं।
मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बातचीत में शिंदे ने कहा, मैं पहले ही कह चुका हूं कि भाजपा नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री पद पर लिया गया निर्णय मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा तथा उसे मेरा पूरा समर्थन होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पुत्र और लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे को नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग के लिए दावा पेश किया है, शिंदे ने कहा, बातचीत चल रही है।
उन्होंने कहा, पिछले सप्ताह दिल्ली में (केंद्रीय मंत्री) अमित शाह के साथ बैठक हुई थी। अब हम तीनों गठबंधन सहयोगी सरकार गठन की बारीकियों पर चर्चा करेंगे। अपने स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना नेता ने कहा कि वह अब ठीक हैं और आराम करने के लिए अपने पैतृक गांव आए थे।
शिंदे ने दोहराया कि महायुति सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है और बताया कि भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं की है। उन्होंने कहा, भाजपा ने अभी तक अपने विधायक दल के नेता की घोषणा नहीं की है। हम लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। हम लोगों के हित में निर्णय लेंगे। मेरे रुख को दोहराने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, इसमें कोई शक-शुबहा नहीं है। मेरा स्वास्थ्य अब ठीक है। हमारी सरकार का काम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। शिंदे रविवार दोपहर को ठाणे पहुंचे। हेलीपैड पर एकनाथ शिंदे, श्रीकांत शिंदे और निवर्तमान मंत्री दीपक केसरकर आपस में बातचीत करते देखे गए।
बैठक के बारे में सूचना नहीं
इस बीच, भाजपा के एक नेता ने दावा किया कि पार्टी विधायकों को विधायक दल की बैठक के समय के बारे में अभी तक सूचित नहीं किया गया है। राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख सुनील तटकरे ने कहा कि भाजपा विधायक दल का नेता अभी तक नियुक्त नहीं किया गया है। रायगढ़ से लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे ने कहा, हम साथ बैठकर तय करेंगे कि क्या केवल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे या मंत्री भी शपथ लेंगे।
सामने आए महायुति के मतभेद
रविवार को महायुति सहयोगियों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए। दानवे ने कहा, अगर शिवसेना नहीं टूटी होती और उसने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा होता, तो हमारी जीत अब तक मिली जीत से बड़ी होती। 2019 में भी हम विधानसभा चुनाव आराम से जीते थे।
उन्होंने दावा किया कि उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी संजय राउत के कारण शिवसेना में विभाजन हुआ। दानवे ने कहा, आप छह महीने इंतजार करें। वे उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के बीच भी दरार पैदा करेंगे। शिवसेना नेता संजय गायकवाड़ ने केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव और भाजपा नेता संजय कुटे पर निशाना साधा।
निवर्तमान सरकार में मंत्री गुलाबराव पाटिल ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा, हमने केवल 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अजित दादा के बिना हम 90-100 सीटें जीत सकते थे। शिंदे ने कभी नहीं पूछा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को उनकी सरकार में क्यों शामिल किया गया। पलटवार करते हुए राकांपा प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने पाटिल से कहा कि वह इस तरह की हल्की बात न बोलें। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma