मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) से ऐसे चिह्नों को वापस लेने का अनुरोध किया है, जो उसे आवंटित किए गए चिह्न से मिलते-जुलते हैं। राकांपा (एसपी) को आयोग ने तुरही बजाता व्यक्ति चिह्न आवंटित किया था।
पार्टी ने इससे इनकार किया कि निर्दलीय उम्मीदवारों को ट्रम्पेट चिह्न आवंटित करना सही है और हालिया लोकसभा चुनाव का उदाहरण दिया जिसमें इस तरह के मिलते-जुलते चिह्न से मतदाता भ्रमित हुए थे और कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी का चुनावी प्रदर्शन प्रभावित हुआ। निर्वाचन आयोग ने पार्टी (अविभाजित राकांपा) में टूट के बाद लोकसभा चुनाव से पहले तुरही बजाता व्यक्ति चिह्न राकांपा (एसपी) को आवंटित किया था।
राकांपा (एसपी) ने अपनी याचिका में आयोग से अनुरोध किया है कि महाराष्ट्र में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उपलब्ध चिह्नों की सूची से तुरही/ ट्रम्पेट/ तुतारी को तत्काल वापस लिया जाए या हटाया जाए। पार्टी ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता बरकरार रखने के महत्व पर जोर दिया है।
महाराष्ट्र में 9 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के आंकड़ों का हवाला देते हुए राकांपा (एसपी) ने उल्लेख किया कि कैसे मिलते-जुलते चिह्न के कारण अपेक्षाकृत कम जाने-पहचाने उम्मीदवारों को अच्छा-खासा वोट मिल गया? हालिया लोकसभा चुनाव में शरद पवार नीत राकांपा ने महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक दल के तौर पर 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से 8 पर जीत दर्ज की थी। महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं।
राकांपा (एसपी) ने निर्दलीय उम्मीदवार संजय गाडे का उदाहरण दिया जिन्होंने सतारा सीट से चुनाव लड़ा था और उनका चिह्न ट्रम्पेट था। उन्हें 37,062 वोट मिले थे जिसके चलते राकांपा (एसपी) उम्मीदवार शशिकांत शिंदे मात्र 32,771 मतों के अंतर से हार गए। शिंदे को 5,38,363 वोट मिले थे जबकि भाजपा उम्मीदवार उदयनराजे भोसले ने 5,71,134 मतों के साथ जीत दर्ज की।(भाषा)