मनमोहन का बड़ा हमला, मोदी सरकार की अक्षमता से मंदी के संकट में फंसा भारत
गुरुवार, 17 अक्टूबर 2019 (16:50 IST)
मुंबई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को मोदी सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों तथा अक्षमता के कारण देश आर्थिक मंदी के संकट में फंस गया है। इसके चलते लोगों की उम्मीद धूमिल हुई हैं और उनका भविष्य अंधकारमय दिखाई देता है।
क्यों बढ़ा रोजगार का संकट : डॉ. सिहं ने एक कार्यक्रम में कहा कि देश में मंदी के चलते ही चीन से आयात तेजी से बढा है। इस अवधि में आयात 1.22 लाख करोड़ रुपए बढ़ा है। देश में निवेश नहीं हो रहा है जिसके कारण रोजगार का संकट बढ़ रहा है और युवा कम पैसे में काम करने को मजबूर है। ग्रामीण क्षेत्रों में निराशा का माहौल और बेरोजगारी लोगों को भटकने के लिए मजबूर कर रही है।
कैसे ठीक होगी अर्थव्यवस्था : पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार लाने की जरूरत है और इसके लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने अभी-अभी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन का एक बयान देखा है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मैं केवल यह बता सकता हूं कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बीमारियों और उनके कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता होगी।
मंदी का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में : उन्होंने कहा कि इस मंदी का सबसे बुरा प्रभाव महाराष्ट्र में दिखायी दिया है। राज्य में पिछले पांच साल के दौरान सबसे अधिक फैक्ट्रियां बंद हुई हैं और चार साल से लगातार विनिर्माण की विकास दर घट रही है। रसायन एवं उर्वरक, इलेक्ट्रानिक सामान तथा आटोमोबाइल क्षेत्र में आयात 1.22 लाख करोड़ रुपए बढ़ा है। डबल इंजिन वाली सरकार का खूब प्रचार किया किया गया लेकिन महाराष्ट्र में यह डबल इंजन फेल साबित हुआ है।
डॉ सिंह. ने कहा कि उन्हें देश के सबसे बड़े ऑटो विनिर्माण केंद्र पुणे के ऑटो हब में फैली निराशा की जानकारी दी गई। इसी तरह की समस्याएं नासिक, औरंगाबाद, नागपुर और अमरावती में भी बताई जा रही हैं। औद्योगिक सक्रियता में इन क्षेत्रों का नाम सबसे आदर के साथ लिया जाता था लेकिन आज स्थिति बदली है और इसकी वजह भारतीय जनता पार्टी की सरकार की आर्थिक नीतियां हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत समय नहीं हुआ है जब महाराष्ट्र देश भर से युवा प्रतिभाओं को रोजगार पाने के लिए आकर्षित करता था। अब स्थिति एकदम बदली है और अवसरों की कमी सबसे ज्यादा यहीं दिख रही है। शहरी क्षेत्रों में, हर तीसरा युवा बेरोजगार है और शिक्षित व्यक्तियों को जबरदस्त बेरोजगारी का सामना कर रहा हैं।
किसानों का हाल बेहाल : डॉ. सिंह ने कहा कि निवेश आकर्षित करने के मामले में महाराष्ट्र देश के पहले नंबर का राज्य रहा है लेकिन आज स्थिति बदल गई है और महाराष्ट्र किसान आत्महत्याओं में अग्रणी राज्य बन गया है। भाजपा सरकार ने किसानों की खुशहाली के लिए कृषि आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन इसके बावजूद महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में संकट कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।