2030 तक महाराष्ट्र अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरत गैर परंपरागत स्रोतों से करेगा पूरी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

सोमवार, 7 अक्टूबर 2024 (15:26 IST)
Renewable Energy in Maharashtra: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने सोमवार को नागपुर में कहा कि 2030 तक महाराष्ट्र (Maharashtra) देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जो अपनी बिजली जरूरतों का 50 प्रतिशत गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों (non conventional sources) से पूरा करेगा। फडणवीस राज्य के ऊर्जा मंत्री भी हैं।ALSO READ: BJP को महाराष्ट्र चुनाव से पहले लगा झटका, हर्षवर्धन पाटिल राकांपा (एसपी) में शामिल
 
नागपुर एमआईडीसी (महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम) में अवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड की एक परियोजना के शिलान्यास समारोह में मंत्री ने यह बात कहते कहा कि महाराष्ट्र में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी बदलाव हो रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने मात्र ढाई साल में राज्य में 20,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। राज्य में 40,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा की क्षमता है। अब 1 साल में ही सौर पंप भंडारण परियोजना की क्षमता 55,000 मेगावॉट हो गई है। इसी तरह पवन और सौर परियोजनाओं की क्षमता करीब 20,000 मेगावॉट है।ALSO READ: महाराष्ट्र सरकार ने देसी गायों को राज्यमाता - गोमाता किया घोषित
 
फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार सौर और गैर-पारंपरिक ऊर्जा परियोजनाओं पर काम कर रही है, उस तरह 2030 तक महाराष्ट्र अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत गैर-पारंपरिक स्रोतों से उत्पादित करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।ALSO READ: PM मोदी ने महाराष्ट्र को दी 11200 करोड़ की सौगात, कई परियोजनाओं का किया उद्घाटन और शिलान्यास
 
अवाडा परियोजना के बारे में उन्होंने कहा कि कंपनी इस परियोजना में करीब 14,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी और इससे अप्रैल 2025 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। फडणवीस ने कहा कि इस परियोजना से 5,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है जिसमें से 51 प्रतिशत रोजगार महिलाओं के लिए होंगे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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