मुंबई। शिवसेना (Shiv Sena) ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने नागपुर दंगों का ठीकरा फिल्म 'छावा' (Chhava) पर फोड़ा है जो उनका 'मनोबल कमजोर' होने का संकेत देता है। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' (Saamana) के संपादकीय में व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा गया कि क्या भाजपा नीत सरकार सोमवार की घटना को लेकर फिल्म के अभिनेताओं, निर्देशक और निर्माताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने की योजना बना रही है।
इसमें कहा गया कि ऐतिहासिक फिल्म के अंत में मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर मराठा राज्य के दूसरे शासक छत्रपति संभाजी महाराज की बर्बर हत्या को दिखाया गया है जिसने भावनाओं को भड़का दिया। संपादकीय में कहा गया है, नागपुर दंगों का ठीकरा 'छावा' फिल्म पर फोड़ना देवेन्द्र फडणवीस के कमजोर मनोबल का संकेत देता है।
दरअसल मंगलवार को फडणवीस ने कहा था कि फिल्म में मराठा राजा की सच्ची कहानी पेश की गई है और इसे देखने के बाद लोग 17वीं सदी के शासक औरंगजेब के प्रति बड़े पैमाने पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। फिल्म की रिलीज के बाद हिन्दू दक्षिणपंथी समूह मांग कर रहे हैं कि महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए।
छत्रपति संभाजी महाराज को क्रूरतापूर्वक मारा गया : संपादकीय में कहा गया कि औरंगजेब के आदेश पर छत्रपति संभाजी महाराज को क्रूरतापूर्वक मारा गया, यह इतिहास महाराष्ट्र को पता है। इस पर ग्रंथ, पुस्तकें, उपन्यास हैं लेकिन अब तक किसी ने औरंगजेब की कब्र को खोदने की बात नहीं की। शिवसेना (उबाठा) के मुखपत्र में संपादकीय में कहा गया कि आरएसएस के प्रमुख रहे एम एस गोलवलकर और हिन्दुत्ववादी वीडी सावरकर ने भी बेहद स्पष्ट शब्दों में संभाजीराजा के बारे में लिखा था, अगर उनके लेखन से दंगे नहीं भड़के तो फिर एक फिल्म देखकर लोगों ने दंगे क्यों किए?
औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान कुरान की आयतों वाली चादर जलाए जाने की अफवाहों के कारण सोमवार को नागपुर में हिंसा भड़क गई जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। फडणवीस ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि पवित्र आयतों वाली ऐसी कोई चादर नहीं जलाई नहीं गई लेकिन अफवाहों से लोगों की भावनाएं भड़क गईं।(भाषा)