Makar Sankranti : वर्ष 2021 में मकर संक्रांति किस वाहन पर आ रही है, जानिए पुण्यकाल का समय

कैसा रहेगा वर्ष 2021 में मकर संक्रांति का पर्व-
 
ज्योतिष शास्त्र में गोचर का बहुत महत्त्व होता है। नवग्रहों का गोचर जातक के फलित में अहम् भूमिका रखता है। वहीं ग्रह-गोचर के आधार पर कई मुहूर्त व ज्योतिषीय गणनाओं का निर्धारण भी होता है जैसे त्रिबल शुद्धि, साढ़ेसाती व ढैय्या, मकर संक्रांति आदि। ज्योतिष शास्त्रानुसार नवग्रहों में सूर्य को राजा माना गया है। सूर्य का गोचर कई ज्योतिषीय गणनाओं व मुहूर्त का निर्धारण करता है। सूर्य के गोचर को संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति प्रतिमाह आती है क्योंकि सूर्य का गोचर प्रतिमाह होता है। 
 
सूर्य के धनु व मीन राशि में गोचर से खरमास (मलमास) का प्रारंभ होता है। इसी प्रकार जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं तब इसे "मकर-संक्रांति" कहा जाता है। मकर-संक्रांति हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण पर्व है।

सामान्यत: यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि अधिकतर इसी दिन सूर्य का गोचर धनु राशि से मकर राशि में होता है। नववर्ष में मकर-संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन नवग्रहों के राजा सूर्य अपनी राशि परिवर्तन कर प्रात: 8 बजकर 05 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही देशभर में मकर-संक्रांति  के पर्व का शुभारंभ हो जाएगा।
 
मकर-संक्रांति का पुण्यकाल-
वर्ष 2021 में मकर-संक्रांति का पुण्यकाल प्रात: 8:05 AM से रात्रि 10:46 PM तक रहेगा।
 
संक्रांति का वाहन-
वर्ष 2021 में संक्रांति  का वाहन सिंह (व्याघ) एवं उपवाहन गज (हाथी) रहेगा। इस वर्ष संक्रांति का आगमन श्वेत वस्त्र व पाटली कंचुकी धारण किए बालावस्था में कस्तूरी लेपन कर गदा आयुध (शस्त्र) लिए स्वर्णपात्र में अन्न भक्षण करते हुए आग्नेय दिशा को दृष्टिगत किए पूर्व दिशा की ओर गमन करते हो रहा है।
 
संक्रांति का फलित-
देशभर में सफेद वस्तुओं जैसे चांदी, चावल, दूध, शकर आदि के दाम बढ़ेंगे। राजा के प्रति विरोध की भावना बलवती होती। ब्राह्मण वर्ग का सम्मान बढ़ेगा। संन्यासियों व किसानों को कष्ट होगा। पश्चिम देशों से रिश्ते मधुर होंगे। पड़ोसी देशों से रिश्तों में कटुता बढ़ेगी। महामारी के प्रसार में कमी आएगी।
मकर-संक्रांति का राशि अनुसार फलित-
1. मेष-ईष्ट सिद्धि
2. वृषभ- धर्म लाभ
3. मिथुन- शारीरिक कष्ट
4. कर्क- सम्मान में वृद्धि
5. सिंह- भय व चिन्ता
6. कन्या- धन वृद्धि
7. तुला- कलह व मानसिक चिंता
8. वृश्चिक- धनागम व सुख-शांति
9. धनु- धन लाभ
10. मकर- स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति
11. कुंभ- लाभ 
12. मीन- प्रतिष्ठा में वृद्धि
स्नान व दान-
"मकर-संक्रांति" के दिन श्रद्धालुगणों को पवित्र नदी में कुटे तिल का उबटन लगाकर स्नान करना एवं तिल से बनी वस्तुओं, कम्बल एवं वस्त्रादि का दान करना श्रेयस्कर रहेगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
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