अपना व्यवहार ऐसा हो कि बच्चा सीख जाए सच बोलना
बच्चे बहुत नाज़ुक मन के होते हैं, बिलकुल गीली मिट्टी जैसे। उन्हें आप जो सीखाना चाहते वे तुरंत ही सीख जाते है। छोटे बच्चों के ढ़ेरो अजीब प्रकार के सवाल होते है, कई बार वे आपसे ऐसे कुछ सवाल कर देते हैं जिन्हें उनकी इस नासमझी वाली उम्र में समझा पाना बेहद मुशकिल होता है। ऐसे में कई बार पैरेंट्स बात को टालने के लिए कोई झूठी कहानी या बात बच्चे को बता देते है। लेकिन आपके ऐसे व्यवहार से बच्चे सच और झूठ की समझ नहीं कर पाते है और दूसरों के सामने वे भी कुछ भी झूठी कहानी बना कर बोल देते है।